संगठन के विस्तार में जुटी समाजवादी पार्टी, चाचा शिवपाल को बड़ी जिम्मेदारी दे सकते हैं अखिलेश

लखनऊ: मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में शानदार जीत से गदगद समाजवादी पार्टी (सपा) का जल्‍द ही सांगठनिक विस्‍तार हो सकता है। पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के निर्देश पर पार्टी नगर निकाय और लोकसभा चुनाव की तैयारी में पूरी तरह लग गई है। रिपोर्ट के अनुसार, इसके लिए जिलों से गोपनीय रिपोर्ट ली जा रही है। बताया जा रहा है कि सपा जल्‍द ही प्रदेश से लेकर राष्‍ट्रीय स्‍तर तक पर नए पदाधिकारियों के नामों की घोषणा करेगी।

इसमें सबसे ज्यादा चर्चा हाल में अपनी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) का सपा में विलय करने वाले शिवपाल सिंह यादव और उनके पुत्र आदित्‍य को लेकर है। बताया जा रहा है कि अखिलेश यादव दोनों नेताओं को बड़ी जिम्‍मेदारी सौंप सकते हैं। सपा के सूत्रों के अनुसार, पार्टी में कई गैर यादव और OBC नेताओं को बड़ी जिम्‍मेदारी दी जा सकती है। अनुसूचित वर्ग के मतदाताओं को पार्टी से जोड़ने का प्लान है। इसके लिए कई नेताओं का कद बढ़ाया जा सकता है। सपा, भाजपा और अन्‍य दलों के नेताओं द्वारा लगाए जाने वाले परिवारवाद के आरोपों का इस फार्मूले से जवाब देने की कोशिश में है। 

इस बीच रविवार (15 जनवरी) को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कानून-व्‍यवस्‍था को लेकर प्रदेश सरकार को घेरने का प्रयास किया। उन्‍होंने आरोप लगाया कि यूपी में कानून व्यवस्था बद से बदतर होती जा रही है। भाजपा की राज्य सरकार जनता की सुरक्षा में नाकाम साबित हो रही है। सपा सरकार में अपराध नियंत्रण की जो प्रभावी व्यवस्थाएं की गई थी, उन्हें भाजपा सरकार ने तबाह कर दिया है। अपराधियों में पुलिस का डर ख़त्म हो चला है, अब उस पर भी आए दिन दाग लग रहे है।

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