लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) का राष्ट्रीय सम्मेलन पांच वर्षों के बाद उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बुधवार (28 सितम्बर) को होने जा रहा है। इसमें पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव पर पूरी तरह फोकस करते हुए अपनी पार्टी की सशक्त टीम तैयार करेंगे। सपा के दो दिवसीय सम्मेलन में राष्ट्रीय और प्रदेश संगठन को नए सिरे से खड़ा किया जाएगा। मिशन 2024 के लिहाज से पार्टी का यह आयोजन बेहद खास माना जा रहा है। सपा इस बार लोकसभा सीटों पर मजबूत उम्मीदवारों के चयन का काम वक़्त रहते करने की तैयारी में है। पर इससे पहले निकाय चुनाव में अपना दमखम दिखाने की तैयारी में है। रमाबाई अम्बेडकर मैदान में पहले बुधवार को राज्य सम्मेलन होगा। इसके अगले दिन 29 सितंबर को राष्ट्रीय सम्मेलन होगा। इसमें अखिलेश यादव की अध्यक्षी पर दुबारा मुहर तो लगेगी ही, साथ ही पार्टी सियासी व आर्थिक प्रस्ताव पारित करेगी। इस सम्मेलन में आरक्षण, जातीय जनगणना पर खास तौर पर फोकस किया जाएगा। सपा ने अभी स्पष्ट नहीं किया है कि भाजपा विरोधी मोर्चे में वह कांग्रेस का नेतृत्व स्वीकर करेगी या बिहार के सीएम नीतीश कुमार की सियासी महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति में उसका साथ देगी। इस बाबत संभव है कि सपा राष्ट्रीय सम्मेलन में अपनी राय स्पष्ट करे, मगर इतना पक्का है कि सपा इस संभावित मोर्चे में अहम भूमिका निभाना चाहती है। कुख्यात अपराधी को पुलिस हिरासत से छुड़ाने आए थे सपा के पूर्व MLA, खुद ही धरा गए जेपी नड्डा को मिला एक्सटेंशन ! 2024 के लोकसभा चुनाव तक संभालेंगे भाजपा की कमान 'आज़म खान का पूरा परिवार चोर, सीएम योगी ने किया इन्साफ..', कांग्रेस नेता का बड़ा बयान