नई दिल्ली: 1984 सिख दंगों को लेकर सैम पित्रोदा द्वारा दिए गए बयान के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है। अब भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा और आर पी सिंह खालसा ने इस मामले को लेकर कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला है। पात्रा ने कहा है कि कल जिस प्रकार से राजीव गांधी जी के एडवाइजर और राहुल गांधी जी के राजनीतिक गुरु सैम पित्रोदा ने जिस भाषा से 1984 के दंगों के विषय में कहा- 'हुआ तो हुआ'। वो अपने आप में हम सब को हिला देता है। उन्होंने कहा कि 'हुआ तो हुआ' ये एक वाक्य नहीं है। ये निर्लज्जता है। ये असंवेदन शीलता है। यह अमानवीयता है। पात्रा ने कहा कि हजारों सिखों का कत्लेआम इसी दिल्ली की सड़क पर होता है और जब इस विषय में सवाल पूछा जाता है तो सैम पित्रोदा का रिएक्शन होता है- 1984 'हुआ तो हुआ। 34 साल बीत गए, न्याय मिला नहीं। 2015 में नरेन्द्र मोदी जी ने SIT गठित किया उसके बाद हमने देखा कि एक दोषी को फांसी की सजा दूसरे को उम्रकैद और सज्जन कुमार तिहाड़ जेल गए। पात्रा ने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी को हाथ जोड़कर सिखों के सामने आना चाहिए और तुरंत सैम पित्रोदा को पार्टी से बाहर निकालते हुए मानना चाहिए कि यह नरसंहार कांग्रेस ने अपने स्वार्थ के लिए कराया था। वहीं आर पी सिंह खालसा ने कहा है कि 1984 में सिखों का कत्लेआम करने वाले कातिलों के सरगना राजीव गांधी थे। किसानों की जमीन छीनकर दिल्ली के दामाद को देती थी पहले की हरियाणा सरकार - अमित शाह सिंधिया ने खोले पत्ते, बताया यूपी के क्यों अकेले लड़ रही कांग्रेस बंगाल में बाबुल सुप्रियो का अनोखा चुनाव प्रचार, कैसियो बजाया और रिक्शे में भी हुए सवार