तीन मिश्रित युगल स्लैम सहित 6 ग्रैंड स्लैम खिताब जीतने वाली सानिया मिर्जा ने आखिरकार टेनिस करियर को अलवीसदा बोल चुकी है। ऑस्ट्रेलियन ओपन से यू.एस. ओपन तक 35 साल की सानिया ने युगल और मिश्रित युगल में देश का परिचम लहराया। उन्होंने कई लड़कियों को इस खेल को अपनाने के लिए प्रेरित किया और अरबों लोगों के दिलों पर राज किया क्योंकि उन्होंने दुनिया भर में बड़ी उपलब्धियों के साथ इंडिया का भार उठाया। दिया फेयरवेल स्पीच: अपने फेयरवेल स्पीच के बीच सानिया मिर्जा रो भी पड़ीं। उन्होंने बोला है कि अगर मैं रोई, तो यह खुशी के आंसू होंगे। अभी मैं कुछ और टूर्नामेंट्स खेलने वाली हूं, परंतु 2005 में मेलबर्न में मेरे करियर की शुरुआत भी कर दी है। माफ करना। ये कहकर सानिया फूट-फूटकर रोने लगीं। हालांकि बाद में उन्होंने अपने आप को संभाला और स्पीच भी जारी कर दी है। सानिया का इस बारें में कहना है कि - मैंने सेरेना विलियम्स का भी सामना किया। मुझे यहां कई बार आने का अवसर मिला और आप सभी के सामने मैंने खेला। आप लोगों में मुझे यहां अपने घर जैसा ही महसूस भी करवा दिया है। रोड लेवर एरीना बहुत खास है। मैंने कभी यह नहीं सोचा था कि अपने बेटे के सामने मैं यहां ग्रैंड स्लैम का फाइनल खेल सकूंगी। हां, ऐसा हुआ भी और मैंने फाइनल भी खेला। पत्नी संग ठंडे पानी में डुबकी लगाते नजर आए मेसी फाइनल में पहुंचने पर सानिया को युवराज ने दी थी बधाई अपने आखिरी ग्रैंडस्लैम में खिताब नहीं जीत सकी सानिया मिर्जा