मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की तरह शिवसेना के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य संजय राउत की दिवाली भी जेल में ही मनने वाली है. देशमुख की जमानत याचिका CBI कोर्ट ने ख़ारिज कर दी है और संजय राउत की जमानत पर सुनवाई अब सीधे 2 नवंबर को की जाएगी. इस प्रकार संजय राउत को अब और 13 दिनों तक जेल में ही रहना पड़ेगा. उन्हें दो नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. बता दें कि, संजय राउत को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मुंबई के गोरेगांव पत्राचॉल घोटाला मामले में अरेस्ट किया था. संजय राउत को पत्राचॉल घोटाला मामले में 31 जुलाई की रात को उनके आवास से गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद पहले राउत को ED और फिर न्यायिक हिरासत में भेजा गया. फिलहाल, संजय राउत मुंबई की आर्थर रोड जेल में कैद हैं. ED का आरोप है कि गोरेगांव के 1000 करोड़ से अधिक के घोटाले में संजय राउत केवल भागीदार नहीं हैं, बल्कि इसके मुख्य सूत्रधार भी हैं. ED ने आरोप लगाते हुए कहा है कि संजय राउत के करीबी प्रवीण राउत के हाथ पत्राचॉल के डेवलपमेंट का कॉन्ट्रैक्ट था. उन्होंने HDIL ग्रुप की तरफ से 112 करोड़ रुपए मिले. इसमें से 1 करोड़ 6 लाख 44 हजार रुपए संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत के बैंक खाते में ट्रांसफर किए गए. इन्हीं पैसों से अलिबाग में संपत्ति खरीदी गई. राउत परिवार को पत्राचॉल घोटाले से बहुत लाभ पहुंचाया गया है. ED के दावे के अनुसार, प्रवीण राउत तो बस दिखावे के लिए सामने रखे गए थे, असली आरोपी संजय राउत हैं. संजय राउत प्रवीण राउत को सामने रखकर सारी योजनाओं को अंजाम दे रहे थे. जेल में ही मनेगी महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की दिवाली, जमानत याचिका ख़ारिज 'रसूल-ए-पाक की शान में सर तन से जुदा', BJP नेता को मिली जान से मारने की धमकी छत्तीसगढ़ में 1 नवंबर से शुरू होगा आदिवासी नृत्य महोत्सव, 9 देशों के कलाकार होंगे शामिल