महाराष्ट्र: उद्धव ठाकरे सरकार इन दिनों अपने नए-नए निर्णय सुनाकर सभी को चकित कर रही है। हाल ही में उन्होंने राज्य मामलों की जांच के लिए केन्द्रीय जांच एजेंसी सीबीआई को दी गई आम सहमति को वापस ले लिया है। इसका मतलब है कि अब महाराष्ट्र में किसी भी केस की जांच के लिए सीबीआई नहीं आएगी। अगर वह आती है तो उन्हें पहले वहां की सरकार से इजाजत लेनी पड़ेगी। हाल ही में इसी मामले पर शिवसेना प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने ख़ुशी जताई है। उन्होंने कहा, 'CBI छोटे-छोटे मामलों में भी घुसने लगी। सीबीआई का अपना एक वजूद है। महाराष्ट्र जैसे राज्य में अगर कोई राष्ट्रीय कारण हैं तो उन्हें जांच करने का अधिकार है।' इसके अलावा उन्होंने कहा कि, 'मुंबई या महाराष्ट्र पुलिस ने किसी विषय पर जांच शुरू की, किसी और राज्य में FIR दाखिल की जाती है। वहां से केस CBI को जाता है और CBI महाराष्ट्र में आ जाती है। अब ये नहीं चलेगा, महाराष्ट्र और मुंबई पुलिस का अपना एक अधिकार है, जो संविधान ने दिया है।' वैसे हम आपको यह भी बता दें कि सीबीआई ने उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा मामला दर्ज किए जाने के आधार पर बीते मंगलवार को एफआईआर दायर कर ली थी। हुआ यूँ था कि एक विज्ञापन कंपनी के प्रमोटर की शिकायत पर लखनऊ के हजरतगंज पुलिस स्टेशन में मामला दायर हुआ था, जिसे बाद में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा CBI को सौंप दिया गया था। जी दरअसल यह मामला टीआरपी में हेरफेर से संबंधित है और इसी मामले के होने के बाद महाराष्ट्र सरकार नाराज हो गई थी। वैसे इससे पहले सुशांत सिंह राजपूत मौत केस में भी कुछ ऐसा ही हुआ था। बिहार चुनाव: BJP ने किया कोरोना वैक्सीन का मुफ्त टीकाकरण करने का वादा मातृभाषा में शिक्षा उपलब्ध कराने की कोशिश: सीबीएसई प्रमुख त्रिपुरा सरकार विभिन्न विभागों में करेगी 4500 पदों पर भर्ती