माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि मतलब आज 21 जनवरी, 2022 दिन शुक्रवार को संकष्टी चौथ का उपवास रखा जाएगा. परम्परा है कि इस दिन प्रभु श्री गणेश की विधि-विधान से पूजा तथा व्रत करने से जिंदगी में आने वाली सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं. ज्योतिषाचार्य के अनुसार, व्रत और पूजन के लिए शुभ मुहूर्त का खास ध्यान रखें. साथ ही प्रभु श्री गणेश जी को खुश करने के लिए उनके 12 नामों और मंत्रों का भी जाप करें. गणेश भगवान के 12 नामों का किया जाता है ध्यान:- आप इस संकष्टी चतुर्थी के दिन प्रभु श्री गणेश जी की खास तौर पर पूजा अर्चना करें, इससे आपको अनेकों फल की प्राप्ति होती है. इस दिन प्रभु श्री गणेश के12 नामों का भी ध्यान करना चाहिए. इन नामों के जाप करने से जिंदगी का हर एक कष्ट दूर हो जाता है. गणेश जी के ये नाम 12 नाम- सुमुख, एकदंत, कपिल, गजकर्णक, लंबोदर, विकट, विघ्न-नाश, विनायक, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, भालचंद्र, गजानन हैं. गणेश स्तुति का मंत्र:- गजाननं भूतगणादिसेवितं कपित्थजम्बूफलचारु भक्षणम्ं. उमासुतं शोकविनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम्॥ श्री गणेश जी का गायत्री मंत्र - ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात. - ॐ नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा. - वक्र तुंड महाकाय, सूर्य कोटि समप्रभ:. - निर्विघ्नं कुरु मे देव शुभ कार्येषु सर्वदा॥ - एकदन्तं महाकायं लम्बोदरगजाननम्ं. - विध्ननाशकरं देवं हेरम्बं प्रणमाम्यहम्॥ - नमामि देवं सकलार्थदं तं सुवर्णवर्णं भुजगोपवीतम्ं. - गजाननं भास्करमेकदन्तं लम्बोदरं वारिभावसनं च॥ गणेश जी के कुछ मंत्र:- ॐ गं गणपतये नम: वक्रतुण्ड महाकाय कोटिसूर्य समप्रभ. निर्विघ्नं कुरू मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा.. ॐ एकदन्ताय विद्धमहे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ति प्रचोदयात्॥ क्या आप जानते हैं क्या था भगवान विष्णु का पहला अवतार? ओंकारेश्वर में स्थापित होगी अष्टधातु से बनी आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा सोना पहनने से हो सकता है नुकसान, जान ले ये जरुरी बातें