1- प्रभु अखण्ड परमानंद की असीम सत्ता हैं । 2- उत्तम साधक प्रभु को अपने हृदय में अनुभव करते हैं । 3- हम संसार पर दृष्टि रखते हैं, उत्तम साधक प्रभु पर दृष्टि रखते हैं । 4- हमें जीवन के प्रत्येक क्षण में प्रभु की जरूरत होती है । 5- भक्त को प्रभु के दिव्य नाम के उच्चारण से अति आनंद मिलता है । 6- संसार में सुख मिल सकता है पर परमानंद प्रभु के अलावा कोई नहीं दे सकता । 7- भक्त के जीवन में सिर्फ प्रभु ही चर्चा का विषय होते हैं । 8- प्रभु भक्तों के चित्त को चुराते हैं । 9- प्रभु भक्ति मानव जीवन में परम आवश्यक है । 10- प्रभु को अपना मन समर्पित करना चाहिए । 11- प्रभु में आस्था है तो संसार के सारे भय खत्म हो जाते हैं । 12- हमें संकट में संसार को नहीं सिर्फ प्रभु को पुकारना चाहिए क्योंकि सिर्फ प्रभु ही काम आयेगें । 13- प्रभु के बाहर कुछ भी नहीं, जो कुछ भी है प्रभु के भीतर समाया हुआ है । 14- भक्ति का सामर्थ्य है कि भक्त जैसा भगवान को बनाना चाहता है भगवान वैसे बन जाते हैं । 15- अपने डर और संदेह को प्रभु को बताये । 16- आँख बंद करके प्रभु पर भरोसा करें । 17- प्रार्थना, विचार और कर्म से प्रभु का गुणगान करें । 18- आशा की किरण दिखाने के लिए प्रभु का धन्यवाद करें 19- आप जो भी करें उसमें प्रभु के आभारी रहें । 20- आपका जीवन ऊँ‍चाईयों के सर्वोच्च पर हो या नीचे से निम्नतम स्तर पर हो प्रभु का गुणगान करना न भूलें । पश्चिम रेलवे ने चलायीं 7 पार्सल स्पेशल ट्रेनें, अत्यावश्यक सामग्री का हो रहा परिवहन जयपुर में सीएम आवास का ड्राइवर कोरोना संक्रमित दिल्ली की लोधी कॉलोनी इलाके में मिला महिला कांस्टेबल का शव, पति पर हत्या का शक