ईद के जुलुस में सरदार पटेल को पहनाई जूतों की माला, विरोध में हिन्दू संगठन

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में ईद मिलाद-उन-नबी के जुलूस के दौरान सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा के अपमान की घटना सामने आई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस्लामिक कट्टरपंथियों की भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने सरदार पटेल की प्रतिमा को जूतों की माला पहनाई। इस घटना में शामिल आरोपितों की संख्या 8 से 9 बताई जा रही है। पुलिस ने मामले की जाँच शुरू कर दी है।

यह घटना बरेली के नवाबगंज इलाके में सोमवार (16 सितंबर 2024) को घटी। हिन्दू जागरण मंच के हरिपाल सिंह ने इस घटना को लेकर थाने में शिकायत दर्ज करवाई। उनकी शिकायत के अनुसार, सुबह 10:30 से 11:30 बजे के बीच नवाबगंज बाजार से ईद मिलाद-उन-नबी का जुलूस निकाला गया था, जिसमें सैकड़ों लोग शामिल थे। जुलूस के रूट पर सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा स्थित है, और आरोप है कि मुस्लिम भीड़ में से 8-9 अज्ञात लोग प्रतिमा के पास पहुँचे और उसे जूतों की माला पहना दी।

 

इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिससे पूरे समाज में आक्रोश फैल गया है। शिकायतकर्ता ने इसे देश के महापुरुषों को बदनाम करने की एक सोची-समझी साजिश बताया और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की माँग की है। पुलिस ने शिकायत का संज्ञान लेते हुए नवाबगंज थाना प्रभारी को मामले की जाँच और आवश्यक कानूनी कार्रवाई के निर्देश दे दिए हैं।

अब सवाल उठता है कि क्या उत्तर प्रदेश में विपक्ष का कोई नेता, जो हमेशा संविधान और लोकतंत्र की बात करता है, देश के प्रथम गृहमंत्री और भारत को एकता के सूत्र में पिरोने वाले सरदार पटेल के इस अपमान के खिलाफ आवाज उठाएगा? क्या वह दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर सरकार पर दबाव बनाएगा या फिर वोट बैंक की राजनीति के चलते चुप्पी साधे रहेगा?

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