लखनऊ l शिक्षा के स्तर को सुधारने और बुनियादी शिक्षा को मजबूत करने एवं शिक्षा को घर-घर तक पहुंचाने के उद्देश्य से 'सर्व शिक्षा अभियान' की शुरुआत की गई थी. अतः अब पता चलेगा कि 'सर्व शिक्षा अभियान' के प्रति देश के कितने राज्य जागरूक नजर आ रहे हैं. अब इसका तुलनात्मक आंकड़ा और ब्यौरा सामने आएगा. केंद्र सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय ने राज्यों में सर्व शिक्षा अभियान की असलियत के आधार पर अब उनकी ग्रेडिंग करने का फैसला लिया है. ग्रेडिंग के लिए राज्यों में अब 'सर्व शिक्षा अभियान' के माध्यम से संचालित योजनाओं और गतिविधियों का मूल्यांकन किया जाएगा. सर्व शिक्षा अभियान के तहत कई प्रकार की योजनाएं और गतिविधियां संचालित हैं. इन योजनाओ और गतिविधियों पर केंद्र सरकार के द्वारा प्रतिवर्ष अरबो रुपये व्यय किये जाते हैं. इसके बावजूद देश की शिक्षा नीति सवालो के घेरे में हैं. इन आधार पर तय होगी ग्रेडिंग... -बच्चों को किताबों के वितरण की स्थिति -बच्चों को यूनीफॉर्म का वितरण की स्थिति -शिक्षकों की ट्रेनिंग -आउट ऑफ स्कूल बच्चों का नामांकन -बच्चों के आधार नामांकन की स्थिति -विद्यालय अनुदान के वितरण की स्थिति -लर्निंग इंडिकेटर्स को लागू करना -नोटिस बोर्ड पर शिक्षकों की फोटो लगाना -किसी अच्छे स्कूल से दूसरे विद्यालय को जोडऩा (ट्विनिंग) यें भी पढ़ें- 10th पास करे आवेदन, यहां निकली पुलिस विभाग में बंपर भर्तियां NTA आयोजित करेगा परीक्षा, उच्च शिक्षा संस्थानों में आएगा बदलाव ये संकेत मिलने लगे, तो समझ ले प्रमोशन के नजदीक हैं जॉब और करियर से जुडी हर ख़बर न्यूज़ ट्रैक पर सिर्फ एक क्लिक में, पढिये कैसे करे जॉब पाने के लिए तैयारी और बहुत कुछ.