कटाक्ष: अनुशासन और मर्यादा की मिसाल भारतीय संसद

नई दिल्ली: संसद में शुक्रवार का दिन काफी अहम् था, क्योंकि इस दिन अविश्वास प्रस्ताव पर बहस होनी थी, लेकिन संसद का पूरा दिन सिर्फ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी की 'जादू की झप्पी' और आँख मारने पर ही केंद्रित रहा. टीवी चैनल्स से लेकर के अख़बार तक राहुल गाँधी के इस व्यव्हार पर ही टीका टिप्पणी कर रहे थे. जैसे की राहुल गाँधी ने पीएम मोदी से गले मिलकर बहुत बड़ा अपराध कर दिया हो. हां, ये बात सत्य है कि पीएम के पद की एक गरिमा है, लेकिन क्या राहुल गाँधी के गले मिलने से ही सारे नियम टूट गए. जैसे इससे पहले भारतीय संसद अनुशासन की मिसाल माना जाता हो.

इस संसद भवन में अनुशासन हीनता का जितना नज़ारा देखने को मिलता है, उतना शायद नर्सरी के बच्चों की कक्षाओं में भी नहीं होता होगा.  संसद में शोरगुल और कुर्सियां तोड़ने पर भी इतना बवाल नहीं मचता, इतने नियम नहीं टूटते, जितने एक राहुल गाँधी के गले लगने से टूट गए. तो आइए देखते हैं, क्या हैं संसद के नियम और कितने पालन किए जाते हैं.

सांसद सदन में कोई किताब, अखबार या पत्र (जो कार्यवाही से संबंधित ना हो) नहीं पढ़ सकते हैं.

कोई भी सदस्य भाषण दे रहे अन्य किसी भी सदस्य को परेशान नहीं कर सकते और ना हो कोई गलत एक्सप्रेशन कर सकते हैं. ( हां उसके खिलाफ चिल्ला-चिल्ला कर उसे बोलने से रोका जा सकता है, जैसा की किया जाता है)

सांसद को सदन को संबोधित करते वक्त अपनी सीट पर ही खड़े रहना होगा. साथ ही उस वक्त सदन में शांति बनाए रखनी होगी, जब सदन में कोई भी नहीं बोल रहा हो. (शांति तो आपने देखी ही होगी आज तक सदन में, शांति क्या, सन्नाटा रहता है भाई)

सांसद सदन में नारेबाजी भी नहीं कर सकता है. साथ ही सांसद की ओर से अध्यक्ष को व्यक्तिगत तौर पर अप्रोच नहीं करना चाहिए. (आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग के नारे तो सिंगापुर में लगे थे.)

सांसद सदन में न ही कोई झंडे ला सकते हैं और न ही हथियार ला सकता है, सांसदों को सदन की लॉबी में जोर से हंसने और बात करने से बचना चाहिए. (जोर से हसना और बोलना, अरे भाई वहां तो माइंड लैंग्वेज में बात होती है).

सासंद किसी के विरोध में चलते दस्तावेज नहीं फाड़ सकते (हाँ कुर्सियां तोड़ी जा सकती है)

सांसद सदन में कोई भी साहित्य, प्रश्नोत्तर, पंपलेट, प्रेस नोट आदि नहीं बांट सकते. (साहित्य कहाँ, 3 सदस्य तो पोर्न देखते हुए पकडे गए हैं सदन में)

तो देखे आपने संसद के नियम, इनके अलावा भी कई नियम हैं, और कड़ाई से पालन किए जाते हैं. इन्ही में से एक नियम तोडा है कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने पीएम मोदी से गले मिलकर. अब जब अपराध किया है तो आलोचना तो सहनी पड़ेगी, वो तो खैर मनाइए की सिर्फ आलोचना हो रही है, वर्ण हमारी संसद अनुशासनहीनता बिलकुल बर्दाश्त नहीं करती है.  

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