शनि उच्च का अथवा शुभ हो तो न केवल संबंधित जातक को यश कीर्त के साथ ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है तो वहीं यदि जन्म कुंडली में शनि की स्थिति कमजोर अर्थात निर्बल के रूप में दिखाई देती है तो समझो संबंधित जातक को किसी न किसी रोग से घिरा ही रहना होगा। हालांकि शनि ग्रह से संबंधित रोग बहुत गंभीर भी होते है, इसलिए जन्म कुंडली में यदि शनि की निर्बलता की जानकारी मिले तो फिर संबंधित जातक को शनि की शांति कराकर शुभ प्राप्ति के लिए प्रार्थना करना चाहिए। शनि की निर्बलता या नीचस्थ होने पर संबंधित जातक के साथ परेशानियां एक के बाद समक्ष में आती है। इसके अलावा शनि ग्रह से संबंधित रोगों में दारिद्र, लकवा, पागलपन, घुटनों में दर्द, कुष्ठ रोग, किडनी, एग्जिमा, चर्म रोग आदि शामिल है। शनि की अशुभता के कारण आर्थिक परेशानी से भी संबंधित जातक घिरकर निर्धन तक हो जाता है। हनुमान चालीसा का पाठ करें तो दूर रहे शनिदेव नवग्रह मंदिर उज्जैन....तेल अर्पण से शनि पीड़ा से छुटकारा