महिलाओं पर क़ानूनी शिकंजे में लगातार ढील देते हुए सऊदी अरब ने अब शनिवार रात से महिलाओं को देश में कार चलने की अनुमति दे दी है और इसके बाद रात भर जश्न में महिलाये वाहन लेकर सड़कों पर घूमती नज़र आयी. इस जश्न को दुगुना कर दिया है फॉर्मूला वन कम्युनिटी ने. फॉर्मूला वन कम्युनिटी ने सऊदी अरब की असील अल-हमद को ले कैसटेलेट ग्रांड प्रिक्स सर्किट में फॉर्मूला वन कार चलाने का मौका देकर इतिहस बना डाला दिया. हमद को फॉर्मूला वन कार चलाने का यह मौका रविवार को 2018 फ्रेंच ग्रैंड प्रिक्स शुरू होने के पहले दिया गया. जिस पर बात करते हुए उन्होंने बताया, 'जब मैं बहुत छोटी थी, तब से मुझे रेसिंग और मोटरस्पोर्ट से प्यार है. फॉर्मूला वन कार चलाना मेरे सपनों से इतर है. इतने लोगों के सामने रेनॉ स्पोर्ट फॉर्मूला वन टीम E20 कार चलाना वाकई सम्मान की बात है.' सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के विजन 2030 कार्यक्रम के तहत कई ऐसे निर्णय लिए है जो देश के इतिहास में पहले कभी नहीं लिए गए और उनके हर निर्णय की सराहना की जा रही है. फैसले पर ख़ुशी जाहिर करते हुए जेद्दा की एक महिला हम्सा अल-सोनोसी ने कहा, "मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं अपनी जिंदगी में इस दिन को देख पाऊंगी." जेद्दाह महिलाओं को लाइसेंस देने वाला देश का दूसरा शहर है. उन्होंने कहा, "लोग इस दिन के लिए विदेशों से वापस आ रहे हैं. यह ऐतिहासिक है." ड्राइविंग लाइसेंस पाने वाली एक अन्य रेमा जवदात का कहना है, "सऊदी अरब में ड्राइव करने का मेरा सपना पूरा होने जा रहा है." उन्होंने आगे कहा, "मेरे लिए ड्राइविंग का मतलब है अपनी पसंद से कुछ करना, आजाद होना. अब हमारे पास विकल्प हैं." क्राउन प्रिंस के विजन से दुनिया की ओर करवट लेता सऊदी अरब इस देश की महिलाएं बोली, हमें अब मर्दों की जरूरत नहीं इस फैसले के बाद विश्व का आखिरी देश बना सऊदी अरब