बृहस्पतिवार को सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान एक दिन के दौर पर पाकिस्तान पहुंचेंगे. पाकिस्तानी पीएम इमरान खान के कुआलालंपुर शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होने के बाद सऊदी अरब आलोचनाओं के घेरे में है. दरअसल, इमरान सऊदी के दबाव के चलते ही सम्मेलन में शामिल नहीं हुए थे. इसी पृष्ठभूमि के बीच प्रिंस फैसल पाकिस्तान पहुंच रहे हैं. बता दें कि कुआलालंपुर सम्मेलन को मुस्लिम देशों का एक नया संगठन बनाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है, जो सऊदी के नेतृत्व वाले इस्लामी सहयोग संगठन (ओआईसी) का विकल्प बन सकता है. मातम में बदला क्रिसमस का जश्न, चक्रवात 'फानफोन' ने ली 16 लोगों की जान, कई घायल मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के 18-20 दिसंबर तक मलयेशिया में होने वाले कुआलालंपुर समिट में हिस्सा लेने पर रियाध ने नाराजगी जताई थी जिसके बाद खान ने अपना फैसला वापस ले लिया. लेकिन इसके कारण प्रधानमंत्री इमरान खान को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. उन्हें अपने देश के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी निंदा झेलनी पड़ रही है. भारत में 'आज़ादी' मांगने वालों को हिला देगी ये तस्वीर, चीन के 'इंटरोगेशन रूम' की है ये फोटो अगर आपको नही पता तो बता दे कि इस समिट का आयोजन मुस्लिम नेताओं और बुद्धिजीवियों को ऐसा मंच प्रदान करने के तहत किया गया है, जहां वे अपने विचारों का आदान-प्रदान और मुस्लिम देशों को प्रभावित करने वाले विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कर सके.इससे पहले 20 दिसंबर को विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता आयशा फारूकी ने बताया था कि पाकिस्तान कुआलालंपुर समिट में हिस्सा नहीं लेगा. समिट में शामिल होने की वजह पाकिस्तान सरकार की ओर से यह बताई गई कि इस्लामाबाद इन मामलों में अपनी तटस्थता बरकरार रखना चाहता है. दो ताकतवर मुस्लिम देशों ने अपना पुराना तेल से जुड़ा विवाद सुलझाया इराक: बगदाद के फुटबॉल ग्राउंड के पास धमाका, एक की मौत चार घायल ये हैं दुनिया की सबसे ख़ूबसूरत महिला क्रिकेटर्स, जो मैदान पर भी करती हैं धमाका