सावन के माह में महादेव भक्त पुरे भारत के सभी शिव धाम पर जाकर शिव जी के दर्शन, पूजन, अर्चन करते हैं। महादेव के द्वादश ज्योतिर्लिंग के अतिरिक्त पुरे भारत में कई ऐसे मंदिर हैं, जहां पर महादेव का पूजन या केवल दर्शन मात्र से जिंदगी से संबंधित सभी दोष दूर हो जाते हैं। ऐसा ही एक पावन शिवधाम तीर्थों के राजा माने जाने वाले प्रयाराज में मौजूद है, जिसे कोटितीर्थ के नाम से जाना जाता हैं। हालांकि शहर के उत्तरी इलाके में स्थित इस मंदिर को स्थानीय व्यक्ति शिवकुटी के नाम से बुलाते हैं। प्रभु श्री राम ने बनाया था शिवलिंग:- गंगा नदी के किनारे बने महादेव के इस मंदिर का संबंध रामायण काल से है। परम्परा है कि मंदिर में प्रतिष्ठित शिवलिंग को प्रभु श्रीराम ने खुद अपने हाथों से बनाया था तथा यह भगवान श्री राम के हाथ से बनाया गया दूसरा शिवलिंग है, जिसे उन्होंने लंका विजय के पश्चात् प्रयाग राज में बनाया था। शिवलिंग से संबंधित पावन कथा:- भगवान श्रीराम के द्वारा कोटेश्वर शिवलिंग के निर्माण की कहानी बड़ी दिलचस्प है। परम्परा है कि जब प्रभु श्री राम, माता सीता तथा लक्ष्मण के साथ प्रयागराज पहुंचे तो वह भारद्वाज मुनि के पास आशीर्वाद लेने पहुंचे तथा उनकी अनुमति से आगे चित्रकूट के लिए आगे गये थे। तत्पश्चात, जब वे रावण का वध करके वापस प्रयागराज होते हुए अयोध्या जा रहे थे, उन्होंने भारद्वाज मुनि का दर्शन करके उनका आशीर्वाद लेकर इच्छा से उनके पास अपना संदेश भेजा। मगर भारद्वाज मुनि ने भगवान श्री राम पर ब्रह्म हत्या का पाप लगे होने की वजह से मिलने से इंकार कर दिया। लालच में आकर बन गए थे ईसाई, लेकिन ख़त्म नहीं हुई परेशानी, अब 21 परिवारों ने उठाया ये कदम नागपंचमी पर महादेव संग होगी सर्पों की पूजा, जानिए इसका महत्व जानिए आखिर क्यों सावन में हरे रंग की चूड़ियां और कपड़े पहनना होता है शुभ?