सावन में करें ये छोटा-सा उपाय, घर बैठे मिलेगा 12 ज्योतिर्लिंगों की पूजा का फल

आप सभी जानते ही होंगे कि 12 ज्योतिर्लिंगों का महत्व काफी अधिक माना जाता है। वहीं सावन में इन ज्योतिर्लिंगों के दर्शन के लिए जनसैलाब उमड़ता है। हालाँकि कई लोग इनके दर्शन के लिए नहीं जा पाते हैं। ऐसे में आज हम उनको एक उपाय बताने जा रहे हैं। जी दरअसल हमारे विद्वानों ने एक ऐसी स्तुति की रचना भी की है, जिसका पाठ करने से 12 ज्योतिर्लिंगों की पूजा का फल घर बैठे ही मिल सकता है। आने वाले 2 अगस्त को सावन का दूसरा सोमवार है। ऐसे में अगर द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति का पाठ विधि-विधान से कर लें तो 12 ज्योतिर्लिंगों का आशीष मिलता है। आइए जानते हैं वह पाठ।

द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति (Dwadash Jyotirling Stotram) सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्। उज्जयिन्यां महाकालमोंकारं ममलेश्वरम् ॥1॥ परल्यां वैजनाथं च डाकियन्यां भीमशंकरम्। सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने ॥2॥ वारणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमी तटे। हिमालये तु केदारं ध्रुष्णेशं च शिवालये ॥3॥ एतानि ज्योतिर्लिंगानि सायं प्रातः पठेन्नरः। सप्तजन्मकृतं पापं स्मरेण विनश्यति ॥4॥

अर्थ- सौराष्ट्र में श्री सोमनाथ, श्रीशैल पर श्री मल्लिकार्जुन, उज्जयिनी में श्री महाकाल, ओंकारेश्वर में अमलेश्वर (अमरेश्वर), परली में वैद्यनाथ, डाकिनी नामक स्थान में श्रीभीमशंकर, सेतुबंध पर श्री रामेश्वर, दारुकावन में श्रीनागेश्वर, वाराणसी (काशी) में श्री विश्वनाथ, गौतमी (गोदावरी) के तट पर श्री त्र्यम्बकेश्वर, हिमालय पर श्रीकेदारनाथ और शिवालय में श्री घृष्णेश्वर को स्मरण करें। जो मनुष्य प्रतिदिन, प्रातःकाल और संध्या समय, इन बारह ज्योतिर्लिंगों का नाम लेता है, उसके सात जन्मों के पाप इन लिंगों के स्मरण-मात्र से मिट जाते है।

कैसे करें पाठ-  श्रावण मास के किसी भी सोमवार को सुबह स्नान आदि करने के बाद किसी शिव मंदिर में जाकर पूजा करें या घर में किसी साफ स्थान पर शिवजी की प्रतिमा या चित्र स्थापित कर शिवजी की पूजा करें। अब पूजा के दौरान शिवजी को धतूरा, बिल्व पत्र आदि चढ़ाएं और शुद्ध घी का दीपक जलाएं। इसके बाद कुश के आसन पर बैठकर मन ही मन द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति का पाठ करें। कम से कम 108 बार इस स्तुति का पाठ करें। इसके बाद इस स्तुति का पाठ सुबह या शाम कभी भी कर सकते हैं। कहा जाता है इससे हर तरह की परेशानियां दूर हो सकती हैं और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

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