सावन में कर ली मृत्युंजय महादेव शिव स्तुति तो नहीं रहेगा अकाल मौत का भय

सावन के महीने में भोलेनाथ का पूजन किया जाता है और ज्योतिष के अनुसार इस दौरान की जाने वाली पूजा बहुत अच्छी मानी जाती है. जी हाँ, वहीं इस दौरान मृत्युंजय महादेव शिव स्तुति तुरंत असर दिखाती है और इस दौरान किया जाने वाला मृत्युंजय महादेव शिव स्तुति बहुत लाभदायक फल देता है. इसी के साथ अगर कोई व्यक्ति अकाल मृत्यु के भय से परेशान हो तो इसके पाठ से व्यक्ति को अकाल मौत का भय नहीं रहता. जी हाँ, कहते हैं यह भगवान शंकर की अति प्रभावशाली स्तुति है जिसका पाठ करने से एक साथ शिव जी के सभी रूप जाग्रत हो जाते हैं, जिस जातक द्वारा इसका पाठ किया जाता है उसकी सभी मनोकामनाएं सिद्ध हो सकती है. तो आइए जानते हैं मृत्युंजय महादेव शिव स्तुति.

मृत्युंजय महादेव शिव स्तुति-

जय शिवशंकर, जय गंगाधर, करूणाकर करतार हरे. जय कैलाशी, जय अविनाशी, सुखराशी सुखसार हरे. जय शशिशेखर, जय डमरूधर, जय जय प्रेमागार हरे. जय त्रिपुरारी, जय मदहारी, नित्य अनन्त अपार हरे. निर्गुण जय जय सगुण अनामय निराकार साकार हरे. पारवती पति हर-हर शम्भो पाहि-पाहि दातार हरे..

जय रामेश्वर, जय नागेश्वर, वैद्यनाथ, केदार हरे. मल्लिकार्जुन, सोमनाथ, जय महाकार, ओंकार हरे. जय त्रयम्बकेश्वर, जय भुवनेश्वर, भीमेश्वर, जगतार हरे. काशीपति श्री विश्वनाथ जय मंगलमय अधहार हरे. नीलकंठ, जय भूतनाथ, जय मृतुंजय अविकार हरे. पारवती पति हर-हर शम्भो पाहि-पाहि दातार हरे..

भोलानाथ कृपालु दयामय अवढर दानी शिवयोगी. निमिष मात्र में देते है नवनिधि मनमानी शिवयोगी. सरल हृदय अति करूणासागर अकथ कहानी शिवयोगी. भक्तों पर सर्वस्व लुटाकर बने मसानी शिवयोगी. स्वयं अकिंचन जन मन रंजन पर शिव परम उदार हरे. पारवती पति हर-हर शम्भो पाहि-पाहि दातार हरे.. आशुतोष इस मोहमयी निद्रा मुझे जगा देना. विषय वेदना से विषयों की मायाधीश छुड़ा देना. रूप सुधा की एक बूद से जीवन मुक्त बना देना. दिव्य ज्ञान भण्डार युगल चरणों की लगन लगा देना. एक बार इस मन मन्दिर में कीजे पद संचार हरे. पारवती पति हर-हर शम्भो पाहि-पाहि दातार हरे..

दानी हो दो भिक्षा में अपनी अनपायनी भक्ति विभो. शक्तिमान हो दो अविचल निष्काम प्रेम की शक्ति प्रभो. त्यागी हो दो इस असार संसारपूर्ण वैराग्य प्रभो. परम पिता हो दो तुम अपने चरणों में अनुराण प्रभो. स्वामी हो निज सेवक की सुन लीजे करूण पुकार हरे. पारवती पति हर-हर शम्भो पाहि-पाहि दातार हरे..

तुम बिन व्यकुल हूं प्राणेश्वर आ जाओ भगवन्त हरे. चरण कमल की बॉह गही है उमा रमण प्रियकांत हरें. विरह व्यथित हूं दीन दुखी हूं दीन दयाल अनन्त हरे. आओ तुम मेरे हो जाओ आ जाओ श्रीमंत हरे. मेरी इस दयनीय दशा पर कुछ तो करो विचार हरे. पारवती पति हर-हर शम्भो पाहि-पाहि दातार हरे..

जय महेश जय जय भवेश जय आदि देव महादेव विभो. किस मुख से हे गुणातीत प्रभुत तव अपार गुण वर्णन हो. जय भव तारक दारक हारक पातक तारक शिव शम्भो. दीनन दुख हर सर्व सुखाकर प्रेम सुधाकर की जय हो. पार लगा दो भवसागर से बनकर करूणा धार हरे. पारवती पति हर-हर शम्भो पाहि-पाहि दातार हरे..

जय मनभावन जय अतिपावन शोक नसावन शिवशम्भो. विपति विदारण अधम अधारण सत्य सनातन शिवशम्भो. वाहन वृहस्पति नाग विभूषण धवन भस्म तन शिवशम्भो. मदन करन कर पाप हरन धन चरण मनन धन शिवशम्भो. विश्वन विश्वरूप प्रलयंकर जग के मूलाधार हरे. पारवती पति हर हर शम्भो पाहि-पाहि दातार हरे..

कांवड़ियों की टेम्पो को अज्ञात वाहन को मारी टक्कर, एक की मौत कई घायल

सावन में भोले को खुश करने के लिए करें श्री शिवसहस्रनामावली का पाठ

सावन के महीने में इन चीज़ों के दान से आप बन सकते हैं अमीर

Related News