हिंदू धर्म में सावन का महीना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. ऐसे में हिन्दू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व माना जाता है. वहीं आप जानते ही होंगे प्रदोष व्रत में शिव जी का पूजन किया जाता है. जी दरअसल यह व्रत हिंदू धर्म के सबसे शुभ व महत्वपूर्ण व्रतों में से एक माना जाता है. वहीं श्रावण में आने वाले प्रदोष व्रत का महत्व उस समय और अधिक बढ़ जाता है जब प्रदोष व्रत चंद्र मास के 13वें दिन पर रखा जाता हैं। जी हाँ, दरअसल ऐसी मान्यता है कि प्रदोष के दिन भगवान शिव की पूजा करने से मनुष्य के सभी पाप धुल जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती हैं. इसके साथ ही श्रावण महीने का पहला प्रदोष व्रत जल्द आने वाला है. जी दरअसल इस महीने यह व्रत शनिवार 18 जुलाई को आने वाला है. अब आइए जानते हैं प्रदोष व्रत का महत्व। आप सभी को बता दें कि प्रदोष व्रत करने के लिए व्यक्ति को त्रयोदशी के दिन प्रात: सूर्य उदय से पूर्व उठना चाहिए तभी उसे लाभ मिलता है. इस दिन नित्यकर्मों से निवृत होकर, भगवान शिव का स्मरण करना चाहिए. वहीं कहा जाता है इस व्रत में आहार नहीं ले सकते हैं. इस व्रत में पूरे दिन व्रत रखने के बाद सूर्यास्त से एक घंटा पहले, स्नान आदि कर श्वेत वस्त्र धारण करते हैं. इसके अलावा पूजन स्थल को गंगाजल या स्वच्छ जल से शुद्ध करने के बाद, गाय के गोबर से लीपकर, मंडप तैयार कर सकते हैं. इस व्रत में मंडप में पांच रंगों का उपयोग करते हुए रंगोली बना सकते हैं. इसी के साथ प्रदोष व्रत की पूजा करने के लिए कुशा के आसन का प्रयोग कर सकते हैं. इस दौरान पूजा की तैयारियां करके उतर पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठे और शिव का पूजन कर सकते हैं. इस दौरान पूजा में शिव के मंत्र 'ऊँ नम: शिवाय' का जाप करते हुए भगवान शिव को जल चढ़ाना चाहिए क्योंकि यह लाभदायक माना जाता है. भगवान भी नहीं टाल पाते बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद, होती है बड़ी शक्ति आज खुलेंगे इन राशि वालों के भाग्य, जानिए केसा होगा आपका राशिफल अगर आप भी रखती हैं खुले बाल तो आज ही पढ़ ले यह खबर