जानिए कब आ रही है सावन की शिवरात्रि, क्या है महत्व

भगवान शिव का प्रिय महीना चल रहा है और सावन में हर कोई शिव जी की आराधना करता है. इसी महीने में खास तीज और त्यौहार भी आते हैं जिनके काफी महत्व होते हैं. आज हम ऐसा ही कुछ बताने जा रहे हैं जिन्हें आप नहीं जानते होंगे. इसी बीच हम बात कर रहे हैं शिवरात्रि की जो साल में 12 शिवरात्रि आती है. लेकिन उनमे से महाशिवरात्रि और सावन की शिवरात्रि का काफी महत्‍व है. इस दिन जो व्रत रखता है उसके सारे पापों का नाश होता है और मनचाहे वर और वधु के लिए कोई भी इस व्रत को कर सकता है.

मनोरथ पूर्ति के लिए करें 6 धाराओं से भगवान शिव का अभिषेक

सावन की महाशिवरात्रि के बारे में आपको बता दें, इस बार ये शिवरात्रि 9 अगस्त को आने वाली है जिसका इसका निशिथ काल पूजा का समय 24:09+ से 25:01+ तक होगा तथा मुहूर्त की अवधि कुल 43 मिनट की होगी. इसी के साथ जान लीजिये इसकी पूजा कैसे करनी चाहिए जिससे बाबा महाकाल आपकी हर मनोकामना पूरी करे. शिवजी की पूजा के लिए आपको शिवामुट्ठी के लिए कच्चे चावल, सफ़ेद तिल, खड़ा मूंग, जौ, सतुआ लेना चाहिए वहीं पंचामृत के लिए दूध, दही, चीनी, चावल, गंगाजल लें और पूजा के लिए बिल्वपत्र, फल,फूल, धूप बत्ती या अगरबत्ती, चन्दन, शहद, घी, इत्र, केसर, धतूरा, कलावे की माला, रुद्राक्ष, भस्म आदि सामना ले लें.

क्यों लगाती हैं महिलाएं सावन में मेहँदी

सुबह जल्द उठकर स्नान करें और घर के मंदिर को पवित्र का वाहन पर शिव परिवार स्थापित करें. भगवान शिव के साथ माँ पार्वती और नंदी का भी अभिषेक करें. अभिषेक के दौरान ॐ नमः शिवाय का जाप करते रहें और एक-एक करके सभी सामग्री को अर्पित कर दें और प्रार्थना करें.

यह भी देखें..

इसलिए कांवड़ियाँ गंगाजल लेने जाते हैं हरिद्वार

सावन में करें मृत्युंजय जाप, पर न करें ये गलती

Related News