कोरोना महामारी की दूसरी लहर के चलते देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने स्थानीय स्तर पर लागू किए जा रहे लॉकडाउन से ग्राहकों को होने वाली परेशानियों के मद्देनजर डाक या मेल के माध्यम से केवाईसी दस्तावेज जमा कराने की अनुमति दी है। SBI ने 30 अप्रैल को अपने सभी 17 स्थानीय प्रधान दफ्तरों के मुख्य महाप्रबंधकों को एक कम्युनिकेशन में कोरोना संक्रमण के मामलों एक बार फिर वृद्धि के मद्देजनर ब्रांच में ग्राहक की प्रत्यक्ष मौजूदगी के बिना डाक या मेल के माध्यम से केवाईसी दस्तावेज अनुरोध स्वीकार करने की सलाह दी। वही अब सार्वजनिक क्षेत्र के दूसरे बैंकों द्वारा भी ऐसा ही किए जाने की आशा है। केवाईसी अपडेट हाई रिस्क वाले ग्राहकों को कम से कम दो वर्ष में एक बार, मध्यम जोखिम वाले ग्राहकों को 8 वर्ष में एक बार तथा निम्न जोखिम वाले ग्राहकों को प्रत्येक 10 वर्ष में एक बार करना पड़ता है। कई प्रदेशों में स्थानीय प्रतिबंध या लॉकडाउन के मद्देनजर शाखाओं को डाक के जरिये दस्तावेज भेजकर केवाईसी अपडेट कराया जा सकता है। साथ ही यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा गया कि केवाईसी अपडेट नहीं होने की वजह से 31 मई तक ग्राहकों के खातों को आंशिक तौर पर बंद न किया जाए। ये निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू हैं। बैंक के अपने सभी ग्राहकों को इस समस्यां के समय में एक टोल फ्री नंबर ट्वीट किया है। SBI के अनुसार, इस मुश्किल समय में ब्रांच आने की आवश्यकता नहीं है। आपके अधिकतर काम इस टोल फ्री नंबर से हो जाएंगे। बैंक का टोल फ्री नंबर है – 1800 112 211 और 1800 425 3800। कोरोना महामारी के बीच मोदी सरकार को बड़ी राहत, रिकॉर्ड हाई पर जा पहुंचा GST कलेक्शन आयशर मोटर्स ने की अप्रैल 2021 के महीनें की बिक्री के आंकड़ों की घोषणा, जानिए विवरण जेएसडब्ल्यू स्टील ने पूरी की वेलस्पन इकाई की खरीद