मुम्बई : भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने बैंक खातों में न्यूनतम राशि नहीं रखने पर जुर्माना लगाने के अपने फैसले को उचित ठहराते हुए कहा कि बड़ी संख्या में जनधन खातों के प्रबंधन के बोझ को कम करने के लिए कुछ शुल्क लगाना पड़ेगा. बता दें कि जनधन खातों पर जुर्माना नहीं लगेगा. जुर्माने के अपने फैसले पर पुनर्विचार के लिए बैंक को अभी तक सरकार की ओर से कोई औपचारिक रूप से सूचना नहीं मिली है. वहीं बैंक की इस कार्रवाई का विरोध जारी है. गौरतलब है कि पिछले सप्ताह एसबीआई ने खातों में न्यूनतम राशि नहीं रखने पर जुर्माने के प्रावधान को फिर लागू करने की घोषणा की थी. इसके अलावा उसने अन्य बैंकिंग सेवाओं पर शुल्कों में भी संशोधन किया था. नए शुल्क पहली अप्रैल से लागू होंगे. सरकारी बैंक के इस कदम के लिए विपक्षी दलों सहित अन्य लोगों की ओर से विरोध हो रहा है. इस पर सरकार ने एसबीआई से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा था. सरकार ने निजी बैंकों से भी नकद लेनदेन और जमा करने के नए नियमों पर फिर से विचार करने का आग्रह किया है. इस मामले में एसबीआई की चेयरमैन अरुंधति भट्टाचार्य ने महिला उद्यमियों के राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान पृथक से कहा कि आज हमारे ऊपर काफी बोझ है. इनमें 11 करोड़ जनधन खाते भी शामिल हैं. इतनी बड़ी संख्या में जनधन खातों के प्रबंधन के लिए हमें कुछ शुल्क लगाने की जरूरत है. हमने कई चीजों पर विचार किया और सावधानी से विश्लेषण के बाद यह कदम उठाया है. यह भी पढ़ें मिनिमम बैलेंस पर अड़ा SBI , रखना होगा खाते में न्यूनतम बैलेंस ! SBI ने अपने कर्मचारियों को घर से कार्य की सुविधा को मंजूरी दी