नई दिल्ली: केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में आज स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में पांच सब्सिडियरी बैंकों के विलय का अहम फैसला लिया गया. इस फैसले की जानकारी वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दी, हालांकि उन्होंने महिला बैंक के विलय के सवाल कहा कि अभी इस संबंध में हमने कोई फैसला नहीं लिया है. संभावना जतायी जा रही है कि उस पर भी जल्द फैसला होगा. एसबीआई ने सब्सिडियरी बैंकों के साथ-महिला बैंकों के विलय का भी प्रस्ताव दिया था. एसबीआई ने प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था. आज केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई और सब्सिडियरी बैंकों के विलय के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया. इन बैंकों में. स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद शामिल हैं. आपको बता दें कि स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर और मैसूरबाजार में पहले ही सूची में शामिल हैं. इन्हें इनका फायदा मिलेगा औऱ विलय के बाद भी इनकी पहचान बनी रहेगी. एसबीआई ने पहले ही कहा था कि वह इन बैंकों को अपने साथ लाना चाहता है लेकिन पूंजी की समस्या के कारण वह ऐसा करने में असफल है. इन बैंकों में काम कर रहे अधिकारियों का यूनियन भी विलय का विरोध कर रहा था. इन बैंकों के विलय के साथ ही एसबाई की ताकत और बढ़ जायेगी. एसबीआई देश का सबसे बड़ा बैंक और इसकी हजारों शाखाएं हैं. न सिर्फ देश में बल्कि विदेशों में भी इसके ब्रांच हैं. और पढ़े- डिजिटल लेनदेन पर शुल्क कम किया जाएगा: जेटली एटीएम में कैश की कमी की जाँच की जा रही है - अरुण जेटली विदेशों में जमा 16200 करोड़ रुपये ब्लैक मनी का पता चला: जेटली