लखनऊ: केंद्र ने कांवड़ यात्रा के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दाखिल किया है। इसे दाखिल कर केंद्र ने यह कहा है कि, 'राज्य कांवड़ियों को हरिद्वार से 'गंगा जल' लाने की अनुमति ना दें। हालांकि धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकारों को अलग-अलग जगहों पर टैंकरों के जरिए 'गंगा जल' उपलब्ध कराया जाना चाहिए।' आपको बता दें कि आज जस्टिस आरएफ नरीमन और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने सुनवाई की। इस दौरान यूपी सरकार की तरफ से कोर्ट में पेश वकील सीएस वैद्यनाथन ने कहा, 'हम प्रतीकात्मक यात्रा चाहते हैं।' इसी के साथ यूपी सरकार द्वारा दाखिल किए गए हलफनामे को पढ़ते हुए वैद्यनाथन ने कहा, 'यदि कोई यात्रा करना चाहता है, तो उसे अनुमति लेनी होगी। नेगेटिव RTPCR का टेस्ट, फुली वैक्सीनेटेड हो और सोशल डिस्टेंसिंग समेत अन्य नियमों का पालन करना होगा।' यह सुनने के बाद पीठ ने कहा, 'या तो हम आदेश पारित कर सकते हैं या आपको पुनर्विचार करना चाहिए।' इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि, ''उत्तर प्रदेश सरकार सोमवार को अपने फैसले से कोर्ट को अवगत कराए। अन्यथा अदालत आदेश पारित कर देगी।'' इस पर वैद्यनाथन ने जवाब में कहा, 'हम इसे बहुत कम लोगों के लिए रख रहे हैं।' वहीँ इसके बाद जस्टिस नरीमन ने कहा- 'नहीं। यह महामारी हम सभी को प्रभावित करती है। यह स्वत: संज्ञान लिया गया है क्योंकि अनुच्छेद 21 हम सभी पर लागू होता है। या तो आप अधिकारियों को इस पर पुनर्विचार करने के लिए कह सकते हैं।' आप सभी को बता दें कि केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से अब इस मामले पर सुनवाई सोमवार को होगी। जी दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के बीच कांवड़ यात्रा की अनुमति देने के उत्तर प्रदेश सरकार के ‘चिंतित करने वाले’ फैसले का बीते बुधवार को स्वत: संज्ञान में लिया। वही इस मामले पर ‘अलग-अलग राजनीतिक मत होने के मद्देनजर’ केंद्र, उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड की सरकारों से जवाब मांगा गया था। कोरोना वायरस के सभी प्रमुख वैरिएंट के खिलाफ प्रभावी है यह वैक्सीन इजराइल मंत्रालय ने आयात बढ़ाने के लिए बनाई नई योजना राहुल-दिशा की शादी के लिए अर्शी खान ने खरीदा 7 लाख का लहंगा