नई दिल्ली: अडानी-हिंडनबर्ग मामले में जांच के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने एक्सपर्ट कमेटी के गठन का आदेश दे दिया है। अदालत द्वारा बनाई गई कमेटी का नेतृत्व रिटायर न्यायमूर्ति एएम सप्रे करेंगे। यही नहीं शीर्ष अदालत ने आदेश दिया है कि SEBI इस मामले में जांच जारी रखेगी और 2 महीने में अपनी रिपोर्ट जमा करेगी। शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा कि SEBI ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट और मार्केट वायलेशन सहित दोनों आरोपों पर पहले से जांच कर रही है। ऐसे में SEBI की जांच जारी रहेगी। SEBI को 2 महीने में अपनी रिपोर्ट पेश करनी है। यही नहीं सर्वोच्च न्यायालय ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट मामले में जांच के लिए 6 सदस्यीय एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एएम सप्रे केल अलावा ओपी भट्ट, न्यायमूर्ति केपी देवदत्त, केवी कामत, एन नीलकेणी, सोमेशेखर सुंदरेशन शामिल हैं। बता दें कि अमेरिकी शार्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि अडानी ग्रुप की लिस्टेड 7 कंपनियां ओवरवैल्यूड हैं। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि अडानी ग्रुप दशकों से स्टॉक हेरफेर और मनी लॉन्ड्रिंग में लगा हुआ है। अपने जवाब में अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग पर कॉपी-पेस्ट करने का इल्जाम लगाया था। अडानी ग्रुप ने कहा था कि या तो हिंडनबर्ग ने सही तरीके से रिसर्च नहीं किया है या फिर जनता को भ्रमित करने के लिए उसने गलत तथ्य पेश किए हैं। 400 से ज्यादा पन्नों की प्रतिक्रिया में गौतम अडानी की अगुवाई वाले समूह ने सभी आरोपों को भ्रामक करार दिया था। हालाँकि, हिंडनबर्ग की इस रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में तेजी से गिरावट हुई और गौतम अडानी विश्व के रईसों की सूची में टॉप 20 से भी बाहर हो गए। युद्ध रोकने में नाकाम रही दुनिया, आतंकवाद के खिलाफ आना होगा साथ - G20 सम्मेलन में बोले पीएम मोदी घरेलु कलह में ख़त्म हो गया पूरा परिवार, 5 बच्चों के साथ नहर में कूदे पति-पत्नी, सभी की मौत खाटूश्यामजी के दर्शन कर लौट रहे भक्तों की कार ट्रक में घुसी, 2 सगे भाइयों समेत 4 की मौत