नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा केंद्र सरकार से मोबाईल उपभोक्ता के वेरिफिकेशन को लेकर सवाल किए हैं। सरकार से न्यायालय ने सवाल किए हैं कि आखिर उपभोक्ताओं के मोबाईल वेरिफिकेशन को लेकर उसने क्या प्रयास किए हैं सरकार का कहना है कि सर्वोच्च न्यायालय ने एनजीओ लोकनीति फाउंडेशन की याचिका पर जवाब मांगा है। इस दौरान याचिका में कहा है कि करीब 5 करोड़ मोबाईल उपभोक्ता देश में हैं। इन लोगों की किसी तरह की जांच नहीं की गई और नंबर दे दिए गए। इस मामले में सर्वोच्च् न्यायालय के प्रमुख न्यायाधीश जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली बेंच ने इसे गंभीरता से लिया। उनका कहना था कि जब मोबाईल के माध्यम से बैंकिंग हो रही है तो फिर इसमें ठगी रोकने के को लेकर किस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। इस मामले में न्यायालय ने कहा है कि सरकार को आवश्यक कदम उठाने होंगे जिससे निजी कंपनियों की प्रतिस्पर्धा के बीच वेरिफिकेशन की सही व्यवस्था की जाए। 24 को घोषित होंगे बीसीसीआई के नये प्रशासक आसाराम को फिर झटका, नहीं मिली जमानत सतलुज यमुना लिंक नहर परियोजना पर HC ने दिया यह फैसला