नई दिल्ली : गो रक्षा के नाम पर देश में हो रही हिंसा का मामला अब देश की सबसे बड़ी अदालत यानी की सुप्रीम कोर्ट पहुँच गया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार के अलावा छह राज्यों की सरकारों को नोटिस भेजकर तीन हफ्ते में जवाब मांगा है. गौरतलब है कि यह याचिका शहजाद पूनावाला और तहसीन पूनावाला ने दायर की है. याचिका में दावा किया गया है कि गोरक्षा का दावा करने वाले ज्यादातर समूह आपराधिक गतिविधियों में शामिल हैं. खुद प्रधानमंत्री भी ये बात मान चुके हैं, लेकिन फिर भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. याचिका में पिछले दो सालों में गोरक्षा के नाम पर हुई करीब 10 हिंसक वारदातों का जिक्र किया गया. याचिका में मांग की गई है कि केंद्र और राज्य सरकारें दलितों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा पर उतारू इन संगठनों पर पाबंदी लगाएं. यही नहीं सोशल मीडिया पर इन संगठनों की ओर से पोस्ट किए जा रहे कंटेंट पर पाबंदी लगाने की भी मांग की गई. बता दें कि शुक्रवार को सर्वोच्च अदालत में इस मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने मोदी सरकार के साथ राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और झारखंड सरकार से जवाब माँगा है. जवाब दाखिल करने के लिए इन सरकारों को तीन हफ्तों का समय दिया गया है. मामले की अगली सुनवाई 3 मई को होगी. यह भी देखें अलवर मामले में कांग्रेस ने की कार्रवाई की मांग ब्रिटेन में गाय को माना जाता है कुत्ते से भी खतरनाक जानवर