समाज में बढ़ती नफरत और हिंसा का नाम है मॉब लिंचिंग. सांप्रदायिक तनावों, भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या के बढ़ते कदम पर आज देश की सर्वोच्च न्यायालय अपना फैसला दिया. जिसमे गौरक्षा के नाम पर भीड़ के द्वारा हिंसा करते हुए किसी की जान लिए जाने के कृत्य पर निर्णय लिया गया. कुल पांच याचिकाओं पर सुनवाई करते सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सदन में इसके खिलाफ कानून बने. नागरिक कानून हाथ में नहीं ले सकते. गौरतलब है कि एमनेस्टी इंटरनेशनल ने सांप्रदायिक तनावों, भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या (मॉब लिंचिंग) और हेट क्राइम पर एक विस्तृत रिपोर्ट साँझा की है. अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट में देश के हालातों पर एक रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट के अनुसार - उत्तर प्रदेश को 'नफरत की आग' फैलाने में नंबर वन बताया गया है. गुजरात दूसरे नंबर पर भारत में साल 2018 के पहले 6 महीनों में 100 हेट क्राइम दर्ज किए गए. 8 घटनाओं के साथ राजस्थान तीसरे नंबर पर है. साल 2018 के पहले 6 महीनों में 'हेट क्राइम' के कुल 67 मामले वंचित-शोषित समाज के खिलाफ अल्पसंख्यकों के खिलाफ 22 मामले दर्ज ज्यादातर केस गाय और ऑनर किलिंग से संबंधित कोर्ट ने आज मुद्दे पर अपना फैसला सुनाते हुए सरकार और समाज की जिम्मेदारियों पर जोर दिया मॉब लिंचिंग : जयंत की सफाई, दोषियों को मिले सजा Mob Lynching: क्यों पाकिस्तान का यह वीडियो देश में नफरत फैला रहा है मॉब लिंचिंग की घटनाओं के लिए राजनीति जिम्मेदार: राहुल गाँधी