SC ने कहा जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यक दर्जे के मसले को केंद्र और राज्य सरकार तय करे

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यक का दर्जा किसे मिले इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर ये तय करेंगे. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने दोनों सरकारों से बैठक कर 4 हफ्ते में रिपोर्ट देने को कहा है.

गौरतलब हैं कि अंकुर शर्मा द्वारा दाखिल याचिका में राज्य में अल्पसंख्यकों का सही निर्धारण नहीं किए जाने की शिकायत की गई थी. याचिका में बताया कि राज्य सरकार ने अल्पसंख्यक समुदाय तय करने के लिए कोई कानून नहीं बनाया है. इस कारण अल्पसंख्यकों के लिए प्रधानमंत्री की 15 सूत्री योजनाओं का लाभ मुस्लिम उठा रहे हैं, जबकि उनकी आबादी 68 फीसदी है. याचिका में ये लाभ हिन्दू, सिख और बौद्ध समुदाय को भी दिए जाने की मांग की गई हैं. केंद्र का पक्ष रखते हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता तुषार मेहता ने कहा कि कानूनन हर राज्य को आबादी और दूसरी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अल्पसंख्यकों का निर्धारण करना चाहिए.

जबकि याचिकाकर्ता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की वजह से केंद्रीय कानून लागू नहीं है.वहीं राज्य की ओर से वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रमण्यम ने कहा कि राज्य सरकार इस मसले का हल निकालना चाहती हैं.इसके लिए केंद्र के साथ बैठक की जाएगी.3 सदस्यीय पीठ के अध्यक्ष चीफ जस्टिस जे एस खेहर ने केंद्र और राज्य की इस बात के लिए सराहना की, कि वो इस गंभीर मसले को मिल कर हल करना चाहते हैं.

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