SC/ST एक्ट: बढ़ रहे हैं दलितों के दमन के मामले

नई दिल्ली: एससी/एसटी एक्ट का मुद्दा अभी देश में सुर्ख़ियों में है, सोमवार को ही इसके विरोध में तमाम दलित और अल्पसंखयक संगठनों ने "भारत बंद" के आयोजन के साथ प्रदर्शन किया था, जो कई जगह हिंसा, आगज़नी, तोड़ फोड़ का कारण बना. मीडिया की मानें तो इसमें 13 लोगों की जान भी गई थी, मृतकों में कुछ ऐसे भी होंगे जो मीडिया की नज़रों से बच गए होंगे. लेकिन क्या हमने कभी सोचा है कि वो वजह क्या है, जिसके कारण ये सब किया जा रहा है, एससी/एसटी एक्ट, भारत बंद, दलितों का गुस्सा, उसके पीछे क्या कारण हैं.

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड के अनुसार साल 2014 से 2016 के बीच में मध्यप्रदेश, हरियाणा, उत्तरप्रदेश और गुजरात में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों के खिलाफ अपराध बढ़े हैं. जिसके बाद देशभर में प्रदर्शन किया गया था, जिसे कुछ राजनीतिक पार्टियों की तरफ से समर्थन मिला था. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर अदालत ने अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की दरख्वास्त की है.

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड के अनुसार अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के खिलाफ मध्यप्रदेश में 49, हरियाणा में 35, उत्तर प्रदेश में 29, गुजरात में 21 और केरला में 14 प्रतिशत मामले बढ़े हैं. वहीं झारखंड में 42, छत्तीसगढ़ में 32, बिहार में 28, राजस्थान में 25 और तमिलनाडु में 14 प्रतिशत तक अपराध में कमी आई है. पूरे भारत में दलितों के खिलाफ होने वाले अपराध में 1 प्रतिशत का इजाफा हुआ है, अगर रिपोर्ट्स की मानें तो दलितों का क्रोध जायज़ नज़र आता है.

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