नई दिल्लीः छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने बघेल के खिलाफ अश्लील सीडी कांड में चल रही ट्रायल पर रोक लगा दी है। अदालत ने बघेल को नोटिस भी जारी किया है। इस मामले की जांच कर रही सीबीआइ ने छत्तीसगढ़ के बाहर मुकदमे की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। इसके बाद ही बघेल को नोटिस जारी किया गया। सीएम पर गवाहों को धमकाने का आरोप है। सीबीआइ ने सितंबर 2018 में बघेल के खिलाफ मामला दर्ज किया था। अदालत ने बघेल और उनके सलाहकार से पूछा कि उन्हें इस बात से अवगत कराया जाए कि उनके और अन्य आरोपियों के खिलाफ मामले को राज्य के बाहर स्थानांतरित क्यों नहीं किया जाना चाहिए? सीबीआइ की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मामले के गवाहों को धमकी दी जा रही थी और उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है। उन्होंने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष कहा, 'दो गवाहों ने धारा 164 (मजिस्ट्रेट के सामने बयान) के तहत बयान दिया है। चार्जशीट दायर होने के बाद, एक आरोपी राज्य का मुख्यमंत्री और दूसरा उसका राजनीतिक सलाहकार बन गया। उन्होंने अदालत को यह भी बताया कि मामले में प्रत्यक्षदर्शियों को सीधा खतरा है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में नोटिस भी जारी किया। सीबीआई ट्रायल को दिल्ली शिफ्ट करना चाहती है। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद सीबीआइ को बैन कर दिया था। इसके बाद जांच एजेंसी ने पिछले दिनों मामले की सुनवाई राज्य से बाहर किसी अन्य कोर्ट में ट्रांसफर करने के लिए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी। पीएम मोदी ने अमित शाह को दी जन्मदिन की बधाई, कहा- 'कर्मठ, अनुभवी और कुशल संगठनकर्ता' ममता बनर्जी ने कुछ इस तरह दी फारूक अब्दुल्ला को जन्मदिन की बधाई 55 साल के हुए भाजपा के 'चाणक्य', शेयर ब्रोकर से सियासत के शहंशाह तक ऐसा रहा सफर