नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मुस्लिम धर्म के ट्रिपल तलाक को लेकर तारीख तय की। दरअसल सर्वोच्च न्यायालय के अनुसार ट्रिपल तलाक की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को लेकर फाईनल तौर पर सुनवाई 11 मई को होने जा रही है। सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में तय किया कि गुरूवार को ट्रिपल तलाक के विभिन्न मसलों को फ्रेम कर लिया गया। सर्वोच्च न्यायालय ने यह बात साफतौर पर कही कि ट्रिपल तलाक के मसले पर समान नागरिक संहिता को लेकर सुनवाई नहीं की जाएगी। ये अलग मामले हैं। मिली जानकारी के अनुसार ट्रिपल तलाक को सर्वोच्च न्यायालय ने मानवाधिकार का मसला भी कहा है। न्यायालय की ओर से यह बात सामने आई है कि 16 फरवरी तक इस मसले पर एक खांका तैयार कर लिया जाएगा। सर्वोच्च न्यायालय इस तरह की गंभीरता को ध्यान में रखेंगे और अपना निर्णय जल्द ले सकेंगे। गौरतलब है कि मुस्लिम व्यवस्था में यदि तीन बार तलाक तलाक और तलाक महिला के पति द्वारा कह दिया जाता है तो फिर इसे ट्रिपल तलाक माना जाता है। इसका अर्थ यह है कि पति और पत्नी दोनों साथ में नहीं रह सकते हैं और न ही फिर दोनों की शादी हो सकती है ऐसे में समझौता भी नहीं हो सकता है भले ही तलाक वापस ले लिया गया हो या नहीं। एयर सेल मामलाः SC में मारन के खिलाफ ED की अपील, आज होगी सुनवाई कुकुरमुत्ते की तरह फैल रहे कोचिंग संस्थानों पर कैंची चला सकता सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट ने मांगी सहारा ग्रुप से प्रॉपर्टी की लिस्ट