कर्मचारियों को पूरा वेतन देने वाले सरकार के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई टली

भारत की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने लॉकडाउन के दौरान कर्मचारियों को पूरा वेतन देने के सरकारी निर्देश पर केन्द्र सरकार से जवाब मांगा है. हालांकि कोर्ट ने याचिका पर केन्द्र को कोई औपचारिक नोटिस जारी नहीं किया है. मामले पर दो सप्ताह बाद फिर सुनवाई होगी.

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि लुधियाना हैंड टूल्स एसोसिएशन व कुछ अन्य लोगों ने याचिका दाखिल कर निजी कंपनियों को लॉकडाउन के दौरान कर्मचारियों को पूरा वेतन देने के केन्द्र सरकार के 29 मार्च के आदेश को चुनौती दी है और कोर्ट से यह आदेश रद करने की मांग की है. वही,सोमवार को न्यायमूर्ति एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस संबंध में दाखिल कुल तीन याचिकाओं पर सरकार को औपचारिक नोटिस जारी किये बगैर मामले पर दो सप्ताह में जवाब देने को कहा और सुनवाई दो सप्ताह के लिए टाल दी.

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इसके अलावा लुधियाना हैंन्ड टूल्स एसोसिएशन ने याचिका में कहा है कि डिजास्टर मैनेजमेंट कानून के तहत केन्द्र सरकार द्वारा निजी प्रतिष्ठानों को पूरा वेतन देने का आदेश जारी करना गलत है. इससे संविधान में मिले व्यवसाय करने व बराबरी आदि अधिकारों का हनन होता है. याचिका में डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 की धारा 10(2)(आइ) की वैधानिकता को चुनौती देते हुए कोर्ट से केन्द्र सरकार का गत 29 मार्च का आदेश रद करने की मांग की गई है. इस आदेश में केन्द्र सरकार ने निजी प्रतिष्ठानों को लाकडाउन के दौरान कर्मचारियों को पूरा वेतन देने का आदेश दिया है.

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