बैंगलोर: कर्नाटक में, स्कूली बच्चों के मन में सात्विकता और नैतिकता को बढ़ावा देने के लिए धार्मिक शिक्षा व सात्विक भोजन देने की कोशिशें आरंभ हो गई है। इसके लिए, सूबे के सभी स्कूलों में नैतिक शिक्षा की कक्षाओं में धार्मिक ग्रंथों की जानकारी देने की बात कही जा रही है। स्कूल शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा है कि अगले शैक्षणिक सत्र से इसकी शुरुआत करने का प्रयास करेंगे। दरअसल, पाठ्यक्रम में नैतिक शिक्षा को शामिल करने के लिए सोमवार (9 जनवरी) को बेंगलुरु में एक बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में स्कूल शिक्षा और साक्षरता मंत्री बीसी नागेश के साथ ही श्री श्री रविशंकर सहित कई धार्मिक व सामाजिक संगठन के लोग भी उपस्थित थे। इस बैठक को लेकर बीसी नागेश ने कहा है कि पाठ्यक्रम में परिवर्तन करने के लिए जल्द ही एक समिति गठित की जाएगी। स्कूल शिक्षा व साक्षरता मंत्री बीसी नागेश ने कहा है कि, 'धार्मिक संतों, शिक्षाविदों और स्कूल मैनजेमेंट के लोगों ने मूल्य-आधारित शिक्षा लागू करने के लिए व्यावहारिक सुझाव दिए हैं। पाठ्यक्रम में परिवर्तन करने के लिए शीघ्र ही विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया जाएगा। साथ ही अगले शैक्षणिक वर्ष से इस पाठ्यक्रम को लागू करने का प्रयास करेंगे।' मंत्री ने आगे कहा कि, 'मीटिंग में शामिल हुए सभी लोगों का कहना है कि स्कूलों में नैतिक शिक्षा को लागू करने की तत्काल आवश्यकता है। बैठक में हिस्सा लेने वाले तक़रीबन सभी लोगों से ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्रकार से राय ली गई। इस बैठक में व्यक्त किए गए बिंदुओं के आधार पर विभागीय स्तर पर आयोजित बैठकों में मूल्य शिक्षा को लागू करने के तरीकों पर विचार-विमर्श कर अंतिम रूप दिया जाएगा।” पंजाब से बिहार तक कोहरे की चादर, 36 ट्रेनें लेट, बारिश और बढ़ाएगी आफत हाईवे किनारे स्थित मस्जिद से टकराकर पलटा कंटेनर, ड्राइवर और 40 भैंसों की मौत 112 फुट ऊंची 'आदियोगी' की दूसरी प्रतिमा का होगा अनावरण, उपराष्ट्रपति धनखड़ होंगे शामिल