डेंगू के मच्छरों को बहरा करने की तैयारी में साइंटिस्ट

डेंगू का नाम सुनते ही हम सबके मन में चिंता आ जाती है, क्योंकि यह बीमारी हर साल लाखों लोगों को प्रभावित करती है और कई लोगों की जान तक ले लेती है। डेंगू फैलाने वाले मच्छरों को खत्म करने के उपाय पर वैज्ञानिक लंबे समय से काम कर रहे हैं। अब इस दिशा में एक बड़ी उपलब्धि मिली है, जिसमें मच्छरों के प्रजनन को रोकने का एक अनोखा तरीका खोजा गया है।

डेंगू के मच्छरों को बहरा बनाने का अनोखा उपाय

वैज्ञानिकों ने डेंगू फैलाने वाले मच्छरों को बहरा बनाकर उनकी प्रजनन क्षमता को रोकने का तरीका निकाला है। दरअसल, मच्छर हवा में उड़ते समय अपने साथी के साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं। इस प्रक्रिया में नर मच्छर मादा मच्छर के पंखों की आवाज सुनकर उसे पहचानता है और उसके पीछे उड़ता है। इसका मतलब यह है कि मच्छरों की सुनने की क्षमता का सीधा संबंध उनके प्रजनन से होता है। अगर नर मच्छर सुन नहीं पाएंगे, तो वे मादा मच्छरों के साथ मिलन नहीं कर पाएंगे, जिससे उनकी संख्या में कमी आएगी।

आनुवांशिकी बदलने के प्रयोग

शोधकर्ताओं ने इस दिशा में एक खास प्रयोग किया। उन्होंने मच्छरों के आनुवांशिकी में बदलाव किया ताकि उनकी सुनने की क्षमता प्रभावित हो जाए। इन नर मच्छरों को एक डिब्बे में मादा मच्छरों के साथ रखा गया, लेकिन तीन दिनों के बाद भी इन नर मच्छरों ने मादा के साथ मिलन नहीं किया। इसका कारण यह था कि वे मादा मच्छरों की पंखों की आवाज नहीं सुन पा रहे थे, जिससे उनका प्रजनन रुक गया।

बीमारी फैलाने वाले मच्छरों की संख्या में कमी

वैज्ञानिकों का मानना है कि मादा मच्छर ही डेंगू और अन्य बीमारियों को फैलाने के लिए जिम्मेदार होती हैं। अगर उनके प्रजनन को रोका जा सके, तो मच्छरों की कुल संख्या में कमी लाई जा सकती है और इस तरह से डेंगू के प्रकोप को नियंत्रित किया जा सकता है।

एडिस एजिप्टी मच्छर पर शोध

इस शोध में विशेष रूप से "एडिस एजिप्टी" नामक मच्छर की प्रजाति पर ध्यान केंद्रित किया गया है। यही मच्छर हर साल लगभग 40 मिलियन लोगों तक वायरस पहुंचाने में सक्षम होते हैं। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने मच्छरों की प्रजनन आदतों पर गहन अध्ययन किया, जिसमें यह देखा गया कि मच्छर हवा में उड़ते हुए कुछ सेकंड्स से लेकर एक मिनट से भी कम समय में शारीरिक संपर्क करते हैं। इस शोध ने साबित किया कि आनुवांशिकी का उपयोग करके मच्छरों की सुनने की क्षमता को रोका जा सकता है, जिससे उनकी संख्या में भारी कमी लाई जा सकती है।

भविष्य में संभावनाएं

यह शोध मच्छरों के कारण फैलने वाली बीमारियों से निपटने के लिए एक बड़ी उम्मीद बनकर उभरा है। अगर इस तरीके को बड़े पैमाने पर सफलतापूर्वक लागू किया जा सके, तो हर साल हजारों लोगों की जान बचाई जा सकती है।

अभिषेक-निम्रत के अफेयर की अफवाहों पर लीगल एक्शन लेगा बच्चन परिवार!, करीबी ने किया खुलासा

KBC में हुई अमिताभ बच्चन से बड़ी गलती, महारानी को बता दिया एक्ट्रेस

अमिताभ बच्चन ने किए सिद्धिविनायक और बाबुलनाथ मंदिर के दर्शन

Related News