इंसान के दिमाग को विश्व की सबसे मुश्किल संरचनाओं में से एक कहे जाते है। आप जिसकी कल्पना एक बड़े से स्विचबोर्ड की तरह कर पाएंगे, जो हजारों बटन्स, नॉब, डायल और लीवर से भरा पड़ा है। इन बटन्स की सहायता से ही आपके इमोशन, यादों और व्यवहार को कंट्रोल भी कर सकते है। एक सदी से न्यूरोसाइंटिस्ट इन बटन्स और लीवर्स को समझने का प्रयास भी कर रहे है। हालांकि, इस बात को बोलना जितना आसान था, दिमाग को समझना उतना ही कठिन हो जाता है। साइंटिस्ट ने खोजी नई टेक्नोलॉजी: वास्तव में सेल्यूलर सर्किट जो दिमाग को कंट्रोल करने का काम कार्य है वह बटन और लीवर के साथ नहीं आता है। Wu Tsai Neurosciences Institute के साइंटिस्ट ने एक ऐसी टेक्नोलॉजी विकसित कर दिया है, जो दूरी से जानवरों में लगे ब्रेन सर्टिक को कंट्रोल कर सकती है। बहुत हद तक यह टेक्नोलॉजी किसी को सम्मोहित करने की तरह ही होता है। जिस तरह से सम्मोहित करके किसी से कोई काम करवाया जा सकता है। उसी तरह से यह टेक्नोलॉजी दूरी से दिमाग में लगे चिप को कंट्रोल कर पाएंगे। इस टेक्नोलॉजी पर रिसर्च Guosong Hong और उनके साथियों ने पूरी कर दी है, जिसे Nature Biomedical Engineering ने इस वर्ष मार्च में छापा है। नई टेक्नोलॉजी की नींव optogenetics पर रखी जा चुकी है। कैसे काम करती है टेक्नोलॉजी? : Optogenetics न्यूरोसाइंस में एक ट्रांसफॉर्मेटिव टूल बताया गया है। Hong ने कहा है कि ब्रेन विजुअल लाइट को ठीक से समझ नहीं सकता। इसलिए रिसर्चर्स ने इंफ्रारेड लाइट का इस्तेमाल किया।जिसके लिए उन्होंने TRPV1 का उपयोग किया। TRPV1 एक मॉलिक्यूलर हीट सेंसर है, इसके कारण से किसी हीट से जुड़े दर्द का एहसास हो रहा है। हालांकि, इस टेक्नोलॉजी को अभी चूहे पर टेस्ट भी पूरे किए जा चुके है। इंसान पर इसके उपयोग को लेकर कोई जानकारी अब तक नहीं मिली है। हालांकि, जानवरों पर इसके सफल परीक्षण से न्यूरोसाइंस को काफी सहायता मिलेगी। आज अमेज़न पर मिल हजारों रुपए का इनाम, बस देना होगा इन 5 प्रश्नों का जवाब अब इस तरह कैंसिल कर सकते है अमेज़न प्राइम का सब्सक्रिप्शन Airtel यूजर्स के लिए खुशखबरी, 500 रुपए से कम में मिल रहा है खास प्लान