लंदन: एकाएक बढ़ा ही जा रहा कोरोना का प्रकोप आज पूरी दुनिया के लिए महामारी का रूप लेता रहा है. वही इस वायरस की चपेट में आने से अब तक 200000 से अधिक मौते हो चुकी है. लेकिन अब भी यह मौत का खेल थमा नहीं है. इस वायरस ने आज पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है. कई देशों के अस्पतालों में बेड भी नहीं बचे है तो कही खुद डॉ. इस वायरस का शिकार बनते जा रहें है. लेकिन हाल ही में वैज्ञानिकों को नाक में उन दो खास प्रकार की कोशिकाओं (सेल्स) की पहचान करने में बड़ी सफलता हाथ लगी है, जो संभवत: कोरोना वायरस से सबसे पहले संक्रमित होती हैं. ये कोशिकाएं शरीर में कोरोना के दाखिल होने के लिए प्रवेश द्वार के तौर पर काम कर सकती हैं. नाक में गाब्लेट और सिलिएटेड सेल्स की खोज की: ब्रिटेन के वेलकम सेंजर इंस्टीट्यूट और नीदरलैंड की यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के शोधकर्ताओं ने नाक में गाब्लेट और सिलिएटेड सेल्स की खोज की. इन दोनों कोशिकाओं में उच्च स्तर पर इंट्री प्रोटीन होते हैं. इन प्रोटीन के उपयोग से कोरोना वायरस (कोविड-19) हमारे शरीर की कोशिकाओं में दाखिल होता है. उन्होंने कहा कि इन कोशिकाओं की पहचान होने से कोरोना संक्रमण की उच्च दर की व्याख्या करने में मदद मिल सकती है. इन निष्‍कर्षों से कोरोना के रोकथाम में मिलेगी मदद: नेचर मेडिसिन पत्रिका में छपे अध्ययन से यह भी जाहिर होता है कि आंख, आंत, किडनी और लिवर समेत शरीर के दूसरे कुछ अंगों में भी इंट्री प्रोटीन होते हैं. अध्ययन में यह अनुमान भी लगाया गया है कि इंट्री प्रोटीन दूसरे इम्यून सिस्टम जीन के साथ कैसे नियंत्रित होते हैं. इन निष्कर्षों से कोरोना की रोकथाम के लिए नए लक्ष्यों को साधने के साथ उपचारों के विकास की राह खुल सकती है. रूस के हाल हुए बेहाल, बढ़ता ही जा रहा संक्रमितों का आंकड़ा ईरान में जारी है कोरोना का कहर, 24 घंटों में 76 मौतें चीन समेत इस शहर में कोरोना ने ढाया कहर, लगातार बढ़ रहे नए मामले