भोपाल: शुक्रवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के छोटे भाई एवं कांग्रेस MLA लक्ष्मण सिंह ने कहा कि उन्हें पार्टी में ज्योतिरादित्य सिंधिया की कमी खलती है। 2020 में कांग्रेस से बगावत कर भारतीय जनता पार्टी में सम्मिलित हुए सिंधिया इस वक़्त केंद्रीय मंत्री हैं। सिंधिया के कांग्रेस छोड़ते ही मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार अल्पमत में आकर गिर गई थी तथा बाद में शिवराज सिंह के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी सरकार बनी। लक्ष्मण सिंह ने कहा, 'मुझे सिंधिया की याद आती है क्योंकि उनकी मौजूदगी कांग्रेस के लिए फायदेमंद थी। इसमें कोई संदेह नहीं है कि सिंधिया में क्षमता है तथा वह बड़े अच्छे वक्ता हैं।' ध्यान देने वाली बात ये है कि लक्ष्मण सिंह का यह बयान ऐसे वक़्त में आया है जब उनके भाई दिग्विजय सिंह ने कुछ दिन पहले कहा था कि यदि पार्टी ने आदेश दिया तो वह गुना लोकसभा सीट से सिंधिया के खिलाफ चुनाव लड़ने को तैयार हैं। सिंधिया 2019 में अपने परिवार के पारंपरिक गढ़ गुना से चुनाव हार गए थे। मीडिया से चर्चा करते हुए लक्ष्मण सिंह ने यह भी दावा किया कि बीजेपी के सैकड़ों कार्यकर्ता कांग्रेस में सम्मिलित होना चाहते हैं क्योंकि वे भगवा पार्टी से नाखुश हैं तथा जानते हैं कि आने वाले विधानसभा चुनावों का नतीजा क्या होगा। वही फिल्म केरल स्टोरी को लेकर भी लक्ष्मण सिंह ने कांग्रेस नेताओं के विपरीत बयान देते हुए कहा, 'मैंने फिल्म नहीं देखी है तथा मैं नहीं कह सकता हूं कि उसमें कितनी सच्चाई दिखाई गई है या नहीं दिखाई गई है। मगर ऐसी घटनाएं केरल में होती हैं। हां कई ऐसे परिवार हैं जो उसके शिकार हुए हैं। मुझे पता है क्योंकि मैंने 1975 में वहां चाय कंपनी में नौकरी की थी।' वहीं बजरंग दल को प्रतिबंध करने के सवाल का जवाब देते हुए लक्ष्मण सिंह ने कहा, 'मेरे ख्याल से ऐसी आवश्यकता नहीं है कि बजरंग दल को प्रतिबंधित किया जाए। कोई एंटीनेशनल है तो उसे प्रतिबंध करिए जेल में डालिए, उसके लिए NIA है। जब NIA कुछ नहीं कह रहा है तो इनमें कुछ ऐसा एंटी नेशनल जैसा मुझे नहीं नजर आता है।' दर्द से कराहते हुए अस्पताल पहुंचे इमरान खान, आखिर पाकिस्तान के पूर्व पीएम को अब क्या हुआ ? कर्नाटक में आज दिखेगी विपक्षी एकता! सिद्धारमैया और DK के शपथ ग्रहण में जुटेंगे राजनीति के कई दिग्गज सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को दी थी ताकत, अध्यादेश से छिन गई.., AAP और केंद्र में फिर मचेगा घमासान !