बिहार में यूपीए का गठबंधन या लठबंधन

नई दिल्ली:  2019 लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा को धराशाई करने के लिए कांग्रेस द्वारा बनाया गया महागठबंधन कागज पर तो ताक़तवर दीखता है, क्योंकि इसमें  10 पार्टियां- आरजेडी, कांग्रेस, एनसीपी, सीपीआई, सीपीएम, सीपीआई लिबरेशन, बीएसपी, एसपी, जनता दल यू (शरद) और हिंदूस्तान आवाम मोर्चा शामिल हैं, लेकिन यह गठबंधन है या लठबंधन इस बात पर अभी भी संदेह बरक़रार है. 

इस गठबंधन पर खुद आरजेडी के ही एक नेता ने तल्ख़ टिप्पणी करते हुए कहा है कि यूपीए बिहार में 10 मुँह वाली दशानन है, इसमें अंत तक सीटों को लेकर मारामारी चलती रहेगी. बताया जा रहा है कि बड़ी पार्टी होने के लिहाज से कांग्रेस 12 सीटों को लेकर अड़ी हुई है. वहीँ बाकि के सभी दल कांग्रेस के इस रवैये से सहमत नहीं हैं. राजद नेता लालू प्रसाद ने तो यहाँ तक कह दिया है कि लगता है "ये लोग न तो खेलेंगे, न खेलने देंगे बल्कि खेल बिगड़ जरूर देंगे."

आपको बता दें कि राज्य में कुल 40 सीटें हैं, जिनमे से 12 पर कांग्रेस ने पहले ही हक़ जमा लिया है, इस बात को कांग्रेस नेता और राज्यसभा सदस्य अखिलेश प्रसाद सिंह ने खुले मंच से कहा है, वहीँ हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने 5 सीटों पर उतरने का ऐलान किया है.  इनके अलावा सपा अध्यक्ष के भी 7 सीटों से लड़ने की ख़बरें आ रही है. अब देखना ये है कि 10 दल और 40 सीटें किस तरह विभाजित होती हैं. सीटें विभाजित तो होंगी पर किस तरह ये देखना बहुत दिलचस्प होगा. 

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