बाजार नियामक संस्था सेबी द्वारा काला धन मामले में कार्रवाई तेज किए जाने से थ्री बी यानी बिल्डर, ब्रोकर और फिल्म क्षेत्र से जुड़ी इकाइयां जांच के घेरे में आ गई हैं. अवैध धन को वैध बनाने में विभिन्न इकाइयों की भूमिका का पता लगाने के लिये जांच एजेंसियां सैकड़ों संदिग्ध मुखौटा कंपनियों की जांच कर रही है. इससे बाजार में हड़कंप मचा हुआ है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने संदेही 331 सूचीबद्ध इकाइयों को कारण बताओ नोटिस दिया है, इन पर मुखौटा कंपनियों के रूप में धन के लेन देन का संदेह है. यही नहीं 100 गैर-सूचीबद्ध इकाइयों के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू की गई है जिन पर अवैध धन को सफेद बनाने के लिये शेयरों में काम करने का संदेह जताया गया है. बता दें कि सेबी की इस कार्रवाई के खिलाफ कई कंपनियों ने सार्वजनिक रूप से बयान जारी कर कोई भी गड़बड़ी से इंकार कर जोर देकर कहा कि वे मुखौटा कंपनियां नहीं हैं. इस बारे में एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि मुखौटा कंपनियों की श्रेणी में रखे जाने से यह गलत धारणा बनी है कि कुछ बड़ी कंपनियां भी मनी लांड्रिंग तथा अवैध धन को वैध बनाने के लिये मंच उपलब्ध करा रही है.कुछ ब्रोकरों की भूमिका जांच के घेरे में आने से शेयर बाजार में हड़कम्प मचा हुआ है. वहीं सेबी की 331 कंपनियों के शेयरों के कारोबार पर प्रतिबंध के निर्णय से भी बाजार में घबराहट बनी हुई है. यह भी देखें सहारा समूह ने SC से एम्बी वैली की नीलामी नहीं करने की अपील की