लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में उस समय हड़कंप मच गया, जब सीएम योगी आदित्यनाथ के कार्यालय पर मंगलवार को सचिवालय कर्मियों का जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. जानकारी के अनुसार, कैसरबाग पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सचिवालय संघ ने ये प्रदर्शन किया है. प्रमुख सचिव गृह द्वारा आश्वासन देने के बाद सचिवालय संघ के कर्मचारियों ने प्रदर्शन समाप्त किया. दरअसल, पुलिस पर सचिवालय कर्मचारी मनोज कुमार प्रजापति ने अपने साथ मारपीट करने का इल्जाम लगाया है. साथी के साथ हुई इस घटना से सचिवालय कर्मी बेहद आक्रोशित हैं. मंगलवार (2 जुलाई) को लगभग साढ़े 11 बजे सचिवालय कर्मियों के विरुद्ध पुलिस उत्पीड़न पर विरोध में सैकड़ों कर्मचारी लोकभवन में घुस आए. सचिवालय कर्मियों ने कैसरबाग पुलिस और सीओ पर कार्रवाई करने की मांग की है. जानकारी के अनुसार, बीते शनिवार को समीक्षा अधिकारी मनोज प्रजापति की कार टकरा गई थी. पुलिस ने कार टकराने का मामला समीक्षा अधिकारी के विरुद्ध दर्ज करते हुए कार को जब्त कर लिया था. कार सीज करने की कार्रवाई को लेकर मनोज प्रजापति ने कैसरबाग थाने में जाकर जमकर हंगामा किया था. इस पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए समीक्षा अधिकारी पर शांति भंग की धारा-151 के अनुसार चलान कर दिया था. समीक्षा अधिकारी ने कैसरबाग पुलिस पर मारपीट और अभद्रता करने का इल्जाम लगाया है. मोदी सरकार ने ख़त्म की 92 वर्ष पुरानी परंपरा, अब आम बजट के साथ ही पेश होता है रेल बजट युवाओं के लिए बम्पर भर्ती, NIT में मिल रहा सुनहरा मौका कर्ज में गले तक डूबे अनिल अम्बानी, अब ऋण चुकाने के लिए लिया ये फैसला