भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली ने एक कार्यक्रम के दौरान अपने दौर की भारतीय टीम के खिलाड़ी वीरेंद्र सहवाग को सुनील गावस्कर के बाद टेस्ट में भारत का सर्वश्रेष्ठ सलामी बल्लेबाज बताया हैं. उन्होंने कहा कि मैदान के बाहर सहवाग मैच से अनजान रहते थे और टेस्ट मैच से पहले उन्हें जगाना पड़ता था. उल्लेखनीय है कि वीरेंद्र सहवाग तिहरा शतक लगाने वाले बेहतरीन ओपनिंग बल्लेबाज रहे हैं. उनके बारे मे सौरभ गांगुली ने कहा कि ''मेरी टीम में सहवाग था, जो मेरी नजरों में सुनील गावसकर के बाद भारत के सर्वश्रेष्ठ टेस्ट सलामी बल्लेबाज हैं, लेकिन मैदान के बाहर एक इंसान के तौर पर वह जानते ही नहीं थे कि उनका भी कोई अस्तित्व है. वह सोते रहते थे और आपको टेस्ट मैच से पहले उन्हें बार-बार जबरदस्ती करते हुए जगाना पड़ता था. मैं बड़े आराम से काम करने वाला शख्स हूं लेकिन जब मैं 2000 में कप्तान बना, तब मुझे लगा की इस टीम को चीजें दूसरी तरह से करनी होगी. भारतीय होने के नाते हम आराम पसंद हैं.'' बता दे कि भारतीय क्रिकेट टीम में खिलाड़ियों का चयन अब काफी पारदर्शी हो गया है. गांगुली ने इस बारे मे बताया कि ''चयन प्रक्रिया अब पहले से ज्यादा पारदर्शी हो गई है. आप जब अब की भारतीय टीम को देखते हैं और विराट कोहली जैसे ईमानदार तथा जुनूनी कप्तान को देखते हैं तो आप को पता चलता है कि यह कितना पारदर्शी है.'' 2003 में आईसीसी विश्व कप के फाइनल में भारतीय टीम को गांगुली की कप्तानी में हार का सामना करना पड़ा था. इस बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि ''जब भारत 2001 में ऑस्ट्रेलिया में खेल रहा था तब मैंने देखा की यह अलग टीम है और लड़ने के लिए तैयार है, इसलिए एक कप्तान के तौर पर मुझे मैदान पर वो माहौल बनाना था जिसकी शुरुआत मुझसे होनी थी.'' कोहली के समर्थन में आये सुनील गावस्कर भारतीय टीम के कोच बनना चाहते थे सौरव गांगुली कोहली को मिला दादा का साथ...