नई दिल्ली : एक ओर देश में बेटी बचाओ की मुहिम चलाई जा रही है , वहीं दूसरी ओर पीएम मोदी के गृह राज्य गुजरात में लिंगानुपात में गिरावट का मामला सामने आया है .नीति आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट में गुजरात में 53 अंकों की गिरावट दर्ज की गई , जबकि राष्ट्र स्तर पर 21 बड़े राज्यों में से 17 राज्यों में जन्म के समय लिंगानुपात में गिरावट पाई गई. उल्लेखनीय है कि नीति आयोग द्वारा जारी इस रिपोर्ट में जन्म के समय लिंगानुपात मामले में 10 या उससे ज्यादा अंकों की गिरावट होने वाले राज्यों में से एक गुजरात में प्रति 1,000 पुरुषों पर 907 महिलाओं के अनुपात से गिरकर अब 854 हो गया है. यहां आधार वर्ष 2012-14 से संदर्भ वर्ष 2013-15 के बीच 53 अंक की गिरावट हुई . गुजरात के बाद हरियाणा का नंबर है. यहां 35 अंकों की गिरावट दर्ज हुई है. इसके बाद राजस्थान 32, उत्तराखंड 27, महाराष्ट्र 18 , हिमाचल प्रदेश 14 अंक, छत्तीसगढ़ 12 अंक और कर्नाटक में 11 अंक की गिरावट दर्ज हुई है. जबकि दूसरी ओर इस मामले में तीन राज्यों में सुधार हुआ है. पंजाब में 19 अंक की वृद्धि हुई है. वहीं, उत्तर प्रदेश में 10 तथा बिहार में नौ अंक की वृद्धि हुई है. बता दें कि इस रिपोर्ट में प्री कंसेप्शन एंड प्री नेटल डायग्नोस्टिक टेक्निक्स (पीसीपीएनडीटी) अधिनियम, 1994 को लागू करने और भ्रूण का लिंग परीक्षण कराकर होने वाले गर्भपात के मामले में जांच की जरूरत पर विशेष बल दिया गया है . यह भी देखें नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने बेहतर जीडीपी ग्रोथ का अनुमान जताया सरकार ने डीबीटी से 65000 करोड़ बचाए - नीति आयोग