भारत में ना जाने कितने ही ऐसे गाँव हैं जहाँ से लड़कियों को केवल नौकरियों का झांसा देकर उन्हें शहर में लाया जाता है और उसके बाद उन्हें वेश्यावृत्ति के धंधे में धकेल दिया जाता है जहाँ से उन्हकै निकल पाना सम्भव नहीं होता है. दुनिया में ना जाने कितने ही ऐसे गाँव हैं जहाँ पर लडकियां नौकरी के लिए शहरों में जाती हैं और उसके बाद उन्हें नौकरी मिलती तो है लेकिन वो जिस्म बेचने की होती है. जिस्म बेचना किसी लड़की के लिए नौकरी नहीं है लेकिन एक गाँव से शहर आने वाली लड़की को यह नौकरी भी करनी पड़ती है. भारत की बात की जाए तो यहाँ हर दिन 250 से ज्यादा लडकियां नौकरी के लिए शहर में आ जाती हैं या फिर लाई जाती हैं और उसके बाद उन्हें वेश्यावृत्ति के दलदल में धकेल दिया जाता है. समाज क्या कहता है - समाज इस बारे में केवल अपनी चिंता जताता है या फिर इस मामले में अपना दुःख इसके अलावा वह कुछ भी करने में सक्षम नहीं है. समाज के लिए यह केवल एक चिंता का विषय बना हुआ है वह केवल इसे कुछ सेकेण्ड के लिए अपने दिमाग में रखता है और उसके बाद वह अपनी जिंदगी के कामों में व्यस्त हो जाता है उसे इससे कोई मतलब नहीं है. लड़कियों का हाल - दुनिया में उन लड़कियों का हाल कोई नहीं जानता जिन्हे वेश्यावृत्ति के दलदल में नौकरी का झांसा देकर धकेल दिया जाता है. जब उन लड़कियों को इस दलदल में धकेल दिया जाता है तो उनकी हालत किसी गुड़िया की तरह हो जाती है जो उसे खरीदने और बेचने वालों के हाथो की कठपुतली बनकर रह जाती है. इसके बाद लड़कियों का हाल बुरा से बुरा होता जाता है और वह इस दलदल से निकलने में कभी बाहर नहीं निकल पाती हैं. आंकड़ें क्या कहते हैं - 1. आंकड़ों के अनुसार भारत 3 लाख बच्चे भीख मांगते हैं 2014 में भारत में जो तस्करी हुई है उसका 76% केवल लडकियां और महिलाएं थीं. 2. जिन लड़कियों को गायब किया जाता है उसकी 40% महिलाओं को वेश्यवृत्ति के दलदल में डाल दिया जाता है. 3. आंकड़ों की बात मानी जाए तो भारत के जितने भी रेड लाइट एरिया है उनमे 20 लाख लड़कियां तस्करी कर लाई गईं हैं और उसके बाद वह वहां से कभी बाहर नहीं निकल पाईं. 4. एक NGO के आंकड़ों के अनुसार हर साल भारत में 12 हज़ार से 50 हज़ार लड़कियों को केवल वेश्यावृत्ति के लिए अपहरण कर लिया जाता है. खबरों के अनुसार 10% लड़कियों और महिलाओं को भारत में बाहर से लाया जाता है और बाकियों की भारत के ही राज्यों से ही अपहरण कर वेश्यावृत्ति के दलदल में धकेल दिया जाता है. 5. भारत के जितने भी कोठे या वेश्यालय हैं वहां नेपाल की लड़कियों की संख्या सबसे ज्यादा है और खबरों की मानें तो वह संख्या करीब ढाई लाख है. आप इस खबर को बड़े ही चिंताजनक चेहरे के साथ पढ़ रहे होंगे और आपको यह भी बता दें कि जब तक आप इसे पढ़ रहे होंगे तब तक ना जाने कितनी ही लड़कियां गायब हो चुकीं होंगी. अब इसी बात को दिखाने के लिए एक फिल्म भी आ रही है जिसका नाम है 'लव सोनिया'. इस फिल्म की कहानी भी कुछ ऐसा ही है जो 14 सितंबर को रिलीज होने वाली है. खबरें और भी अब दिल्ली-भोपाल के बीच दौड़ेगी देश की पहली सेमी-हाई स्पीड ट्रेन तकनिकी खराबी के कारण नहीं हो सका राहुल गाँधी का भाषण लाइव : कांग्रेस केरल के बाद अब हिमाचल प्रदेश में मंडरा रहा बाढ़ का खतरा