मिलावटी खाने के कारण हो रही है गंभीर बीमारियां, ऐसे करें जाँच

खाद्य पदार्थों में मिलावट आजकल एक गंभीर समस्या बन गई है। न केवल छोटे दुकानदार और ठेले वाले, बल्कि कई बार बड़े ब्रांड भी मिलावट के दोषी पाए जाते हैं। खाद्य सामग्री में मिलावट, गुणवत्ता को कम करने और अधिक मुनाफा कमाने के उद्देश्य से की जाती है, जिसके कारण उपभोक्ताओं को उनकी सेहत पर गंभीर प्रभाव भुगतने पड़ते हैं। कुकिंग ऑयल से लेकर अनाज, दूध, और मसालों तक—लगभग हर खाद्य वस्तु में मिलावट के मामले सामने आ चुके हैं। खासकर त्योहारों के समय, जैसे नवरात्र, मिलावटी कुट्टू के आटे से कई लोग बीमार पड़ जाते हैं। खाद्य पदार्थों में मिलावट का सिलसिला अब सिर्फ देसी बाजारों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर एक बड़ी समस्या बन गया है।

खाद्य पदार्थों में मिलावट के प्रमुख उदाहरण खाद्य पदार्थों में मिलावट करने के कई तरीके हैं, और ये सभी मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। यहां कुछ प्रमुख उदाहरण दिए जा रहे हैं:

दूध: दूध में पानी मिलाना एक आम बात है। इसके अलावा, कभी-कभी दूध में डिटर्जेंट और अन्य हानिकारक रसायन भी मिलाए जाते हैं ताकि उसकी मात्रा बढ़ सके और वह लंबे समय तक खराब न हो। ऐसा मिलावटी दूध सेहत के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है।

अनाज: गेहूं और चावल जैसे अनाजों में चॉक पाउडर या अन्य गैर-खाद्य सामग्रियों की मिलावट की जाती है। दालों का वजन बढ़ाने के लिए उनमें रेत, पत्थर, या अन्य पदार्थ मिलाए जाते हैं।

मसाले: हल्दी, लाल मिर्च और धनिया पाउडर में अक्सर रंग और चाक पाउडर मिलाया जाता है, जिससे मसालों की गुणवत्ता घट जाती है और सेहत पर बुरा असर पड़ता है।

तेल: कुकिंग ऑयल में सस्ते और निम्न गुणवत्ता वाले तेल मिलाए जाते हैं, जिससे उसकी पौष्टिकता और गुणवत्ता घट जाती है। नारियल तेल में सस्ता तेल मिलाकर उसकी शुद्धता को कम किया जाता है।

शहद: शहद में चीनी की मिलावट आम बात हो गई है। यह न केवल शहद की गुणवत्ता को कम करता है, बल्कि इससे शहद की प्राकृतिक औषधीय गुण भी समाप्त हो जाते हैं।

फल: कई बार फलों को जल्दी पकाने के लिए हानिकारक रसायनों का उपयोग किया जाता है, जैसे कि कैल्शियम कार्बाइड। यह एक कैंसरकारी पदार्थ है जो मानव स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।

मिलावट के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव खाद्य पदार्थों में मिलावट का हमारी सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। यह न केवल पेट की समस्याओं, बल्कि कई गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकता है। फूड्स जर्नल में 2023 में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, नियमित रूप से मिलावटी खाद्य पदार्थों का सेवन करने वाले लोगों में निम्नलिखित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है:

डायरिया: मिलावटी भोजन पाचन तंत्र को प्रभावित करता है, जिससे दस्त या डायरिया की समस्या उत्पन्न होती है। हृदय रोग: मिलावटी तेलों का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है, जो हृदय रोगों का कारण बनता है। एलर्जी: मिलावटी खाद्य पदार्थों में उपयोग किए जाने वाले रसायन और रंग एलर्जी का कारण बन सकते हैं। डायबिटीज: मिलावटी शहद और अन्य चीनी युक्त पदार्थों का अधिक सेवन डायबिटीज का खतरा बढ़ा सकता है। फूड प्वॉइजनिंग: अत्यधिक हानिकारक मिलावट से फूड प्वॉइजनिंग हो सकती है, जो जानलेवा भी साबित हो सकती है।

मिलावट की पहचान कैसे करें? मिलावट की पहचान करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है, लेकिन कुछ साधारण घरेलू तरीके हैं जिनसे आप पता लगा सकते हैं कि आपके खाद्य पदार्थ शुद्ध हैं या मिलावटी:

दूध की मिलावट: एक चिकनी सतह पर दूध की बूंद डालें। अगर दूध बिना कोई निशान छोड़े बह जाता है, तो इसका मतलब है कि उसमें पानी मिलाया गया है। अगर दूध में डिटर्जेंट की मिलावट है, तो उसे हिलाने पर गाढ़ा झाग बनेगा।

शहद की शुद्धता: एक गिलास पानी में कुछ बूंद शहद डालें। अगर शहद पानी के तल में इकट्ठा होता है, तो वह शुद्ध है। अगर शहद पूरी तरह से घुल जाता है, तो उसमें चीनी की मिलावट है।

हल्दी और मिर्च पाउडर की शुद्धता: एक चम्मच हल्दी पाउडर को गुनगुने पानी में मिलाएं। शुद्ध हल्दी पानी के तल में बैठ जाएगी और पानी साफ रहेगा। अगर पानी का रंग बदल जाए, तो हल्दी मिलावटी है। लाल मिर्च पाउडर के साथ भी यही तरीका अपनाया जा सकता है।

चाय और कॉफी: चाय की पत्तियों को गीले ब्लॉटिंग पेपर पर फैलाएं। अगर पेपर पर पीला या नारंगी दाग लगता है, तो इसका मतलब है कि चाय में रंग मिलाया गया है। कॉफी की शुद्धता के लिए कॉफी पाउडर को पानी में डालें। शुद्ध कॉफी तैरेगी, जबकि मिलावट वाली कॉफी पानी में बैठ जाएगी।

सब्जियों की मिलावट: हरी पत्तेदार सब्जियों की शुद्धता के लिए रूई को पानी या तेल में डुबोकर सब्जियों पर रगड़ें। अगर रूई का रंग बदल जाता है, तो इसका मतलब है कि सब्जियों में आर्टिफिशियल रंग मिलाया गया है।

तेल की शुद्धता: नारियल तेल की शुद्धता की जांच के लिए उसे फ्रिज में रखें। शुद्ध नारियल तेल जम जाएगा, जबकि मिलावटी तेल ऐसा नहीं करेगा। अन्य तेलों की शुद्धता जांचने के लिए हथेली पर एक बूंद तेल डालें और रगड़ें। शुद्ध तेल त्वचा द्वारा आसानी से सोख लिया जाएगा।

बटर की शुद्धता: थोड़े-से बटर को चम्मच में डालकर पिघलाएं। शुद्ध बटर तुरंत पिघलकर भूरा हो जाएगा, जबकि मिलावटी बटर पिघलने में ज्यादा समय लेगा और सफेद अवशेष छोड़ेगा।

फल की शुद्धता: केले की शुद्धता के लिए उसके ऊपर पानी की कुछ बूंदें डालें। अगर पानी डालने पर उस जगह का रंग भूरा हो जाए, तो इसका मतलब है कि केले को जल्दी पकाने के लिए हानिकारक रसायनों का उपयोग किया गया है।

खाद्य पदार्थों में मिलावट का खतरा आज के समय में बहुत बढ़ गया है। उपभोक्ताओं को चाहिए कि वे जागरूक रहें और मिलावट की पहचान के लिए घरेलू उपायों का उपयोग करें। इसके साथ ही, सरकार और संबंधित संस्थाओं को भी मिलावट पर सख्त कानून और कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि जनता को सुरक्षित और शुद्ध खाद्य पदार्थ मिल सकें।

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