नई दिल्ली: विश्व के कई देशों के बाद अब भारत में भी मंकीपॉक्स (Monkeypox) की एंट्री हो चुकी है। अब तक देश में मंकीपॉक्स के 4 केस सामने आ चुके हैं, जिसके बाद इंडियन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री इस वायरल बीमारी का टीका और दवाएं विकसित करने पर विचार कर रहा है। भारत में कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड बनाने वाले सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के CEO अदार पूनावाला ने मंगलवार को कहा है कि वह ग्लोबल पार्टनर Novavax के साथ मिलकर मंकीपॉक्स की mRNA वैक्सीन विकसित करने पर विचार कर रहे हैं। पूनावाला ने यह भी बताया कि वह डेनमार्क की दवा कंपनी Bavarian Nordic द्वारा बनाए गए चेचक के टीके के इम्पोर्ट पर भी विचार कर रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, चेचक की वैक्सीन, मंकीपॉक्स के लिए भी उपयोगी हो सकती हैं। हालांकि, ये वैक्सीन सिर्फ उन लोगों को लगाई जानी चाहिए, जो मंकीपॉक्स के मरीजों के नज़दीकी संपर्क में आए हों, यानी हाई रिस्क पर हों। पहले बताया गया था कि चेचक का टीका मंकीपॉक्स से बचने के लिए उपयोगी है, किन्तु इसकी प्रभावशीलता पर डेटा सीमित है। इसके साथ ही WHO ने कहा कि वह इस वक़्त सामूहिक टीकाकरण करने की अनुशंसा नहीं कर रहा है। बता दें कि भारत ने चेचक को पूरी तरह से खत्म कर दिया है। इसलिए देश में चेचक की वैक्सीन का कोई घरेलू निर्माता नहीं है। हालांकि एक्सपर्ट्स का दावा है कि भारत में चेचक की वैक्सीन के निर्माण का अवसर तब तक मजबूती से नहीं उभर सकता, जब तक कि बड़े स्तर पर टीकाकरण की जरूरत न हो और सरकार ऐसा नीतिगत फैसला न ले ले। लोकसभा में राष्ट्रीय डोपिंग रोधी विधेयक पर आज होगी चर्चा कांग्रेस को 'बागियों' का सहारा, अब सोनिया के बचाव में उतरेंगे आनंद शर्मा और गुलाम आज़ाद 'अल्लाह का पैगाम है, तेरा सर कलम करेंगे..', सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा इस्लामी कट्टरपंथ