नई दिल्ली: लोकायुक्त जैसे कई सामाजिक मुद्दों के लिए पहले भी सत्याग्रह कर चुके समाजसेवी अन्ना हजारे इस बार फिर किसानों की समस्याओं पर मोर्चा खोलने वाले हैं. जहां वे लोकायुक्त और लोकपाल का मुद्दा भी उठाएंगे. यह सत्याग्रह वे 23 मार्च से दिल्ली में करने जा रहे हैं जिसके लिए उन्होंने अभी तक 17 राज्यों का दौरा भी कर लिया है और यात्रा जारी है. किसानों की आत्महत्याओं के बारे में हुई प्रेस मीटिंग में जब उनसे पूछा गया की क्या आप अरविन्द केजरीवाल के साथ हैं. तब अन्ना ने साफ़ इंकार कर दिया उन्होंने कहा " जिस दिन से अरविन्द केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी पार्टी बनाई थी तभी से हमारे रास्ते अलग हों गए थे." अन्ना ने बताया की उन्होंने केजरीवाल को पार्टी न बनाने की सलाह दी थी. उन्होंने कहा की पार्टी बनाकर देश की सेवा नहीं की जा सकती अगर ऐसा होता तो भारत में पार्टियों की कमी नहीं हैं. इसलिए अन्ना के इस आंदोलन में भर्ती होने से पहले एक शपथपत्र भरवाया जायेगा, जिसमे राजनीति में ना जाने की शपथ लिखी होगी. आपको बता दें इससे पहले केजरीवाल, किरण बेदी, कुमार विश्वास जैसे आप नेता अन्ना के साथ ही जुड़े हुए थे. अन्ना ने यह भी कहा की यह शपथपत्र इसलिए लिया जा रहा हैं, क्योंकि वे नहीं चाहते की सत्याग्रह से कोई केजरीवाल या किरण बेदी निकले. गौरतलब होगा की आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द की गई है, जिससे उपचुनाव की स्थिति बन गई है. ऐसे में अन्ना का बयान केजरीवाल की परेशानी बढ़ाने वाला हो सकता है. बहुत जल्द बसपा का सिम्बल भी नहीं रहेगा - श्रम मंत्री सूखे को लेकर हिमाचल सरकार की आपात बैठक दिल्ली हाई कोर्ट से आप को नहीं मिली तत्काल राहत