भोपाल: मध्य प्रदेश के एक जिला न्यायाधीश पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा हैं. इस मामले में शीर्ष अदालत में सुनवाई हुई. अदालत ने राज्य की शिवराज सरकार को नोटिस जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि न्यायाधीश पर ऐसे आरोप लगाने का आजकल ट्रेंड चल रहा है. इस पूरे मामले पर राज्य सरकार से जवाब तलब करते हुए मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे ने ये टिप्पणी उस वक़्त की, जब जिला जज के वकील ने कहा कि ये आरोप भी तब लगाया गया जब उनको प्रमोट कर उच्च न्यायालय में जज बनाने की प्रक्रिया आरंभ हुई. इस पर CJI बोले कि ऐसा अक्सर देखने में आ रहा है जब न्यायाधीश पर ऐसे आरोप लगाए जाते हैं. जैसे ही उच्च न्यायालय या शीर्ष अदालत भेजे जाने का वक़्त आता है, अचानक किसी को 20 वर्ष पुरानी कोई 'याद' आ जाती है और मुकदमा ठोक दिया जाता है. देवास के जिला न्यायाधीश शंभू सिंह रघुवंशी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी की. शीर्ष अदालत ने रघुवंशी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करने पर भी रोक लगा दी है. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने रघुवंशी की याचिका खारिज करते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के आदेश दिए थे. रघुवंशी ने दावा किया कि उनका 32 वर्ष लंबा न्यायिक कार्यकाल बेदाग रहा है. अभी हाल ही में न्यायाधीश अरुण मिश्रा ने भी प्रशांत भूषण के अदालत की अवमानना वाले मामले पर सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा था कि हम ऐसी जगह बैठे हैं कि अपने बचाव के लिए सार्वजनिक रूप से कहीं नहीं जा सकते. देश में 40 लाख के पार पहुंचे कोरोना केस, मृतकों का आंकड़ा 70 हज़ार के करीब अवमानना केस: फिर मुश्किलों में फंसे प्रशांत भूषण, अब बार काउंसिल भी दे सकता है सजा भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में रिकॉर्डतोड़ इजाफा, अब तक के सर्वोच्च स्तर पर पहुंचा