एलॉन मस्क का सपना मार्स पर लोगों तक पंहुचना है. ये कब पूरा होगा फिलहाल इस बात की पुष्टि अभी नहीं हो पाई है. लेकिन इससे पहले एक दूसरी दुनिया में लोग प्रवेश कर लेंगे और वो दुनिया है METAVERSE. एक ऐसा वर्ल्ड जो असली नहीं है, लेकिन इस वर्चुअल दुनिया में भी आप जमीन खरीद कर आप वहां घर बना पाएंगे. बिजनेस कर सकते हैं, पैसे कमा सकते हैं. म्यूजिशियन हैं तो कॉन्सर्ट कर सकते हैं. आर्ट गैलरी लगा पाएंगे, या यों कहें कि आप वहां वो सबकुछ कर सकते हैं जो असल दुनिया में रहते है. मेटावर्स फ्यूचर है: 20 से 30 वर्ष पहले शायद ही किसी ने ये सोचा होगा कि वर्ल्ड इंटरनेट पर डिपेंडेंट हो सकती है. इसी तरह अगर आपको ये लग रहा है कि मेटावर्स फ्लॉप हो सकते है तो आप गलत हैं. क्योंकि Web 3.0 के तौर पर मेटावर्स एक सॉलिड फ्यूचर की तरह नज़र आ रहा है. बारबेडोस ऐसा पहला देश बन चुका है जिसने मेटावर्स में अपनी एंबेसी खोलने का एलान किया गया है. बारबेडोस METAVERSE के डिसेंट्रालैंड में अपना डिप्लोमैटिक कंपाउंड तैयार करने में बिजी है. आने वाले वक़्त में कई देशों की एंबेसी खोली जाने वाली है. धीरे धीरे ट्रेंड परिवर्तित होगा और वो दिन दूर नहीं जब लोग स्मार्टफोन से अधिक METAVERSE में समय बिताने लग जाएंगे. पैसे कमाने के नए माध्यम की तरह भी लोग इसे देखने में लगे हुए है. क्योंकि अभी METAVERSE में प्लॉट जिस कीमत पर मिल रहे हैं आने वाले वक़्त में उनकी भी कीमतें क्रिप्टोकरेंसी की तरह तेजी से बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है. METAVERSE के लिए सेक्सुअल हैरेसमेंट एक बड़ा चैलेंज: Meta (पहले फेसबुक) के वर्चुअल रियलिटी प्लैटफॉर्म Horizon Worlds प्लैटफॉर्म पर एक महिला के साथ छेड़छाड़ हुई. महिला का इल्जाम है कि Horizon Worlds के अंदर उनके साथ बदसलूकी की गई और हैरेसमेंट भी हुआ. उन्होंने ये भी बोला है कि वर्चुअल रियलिटी प्लैटफॉर्म पर इस सेक्सुअल हैरेसमेंट इंटरनेट से भी बुरा है. हालांकि Meta का Horizon Worlds प्लैटफॉर्म पूरी तरह से मेटावर्स पर आधारित नहीं होने वाला है. लेकिन इससे प्रश्न जरूर उठ रहगे हैं. दरअसल मेटावर्स में लोग अपने अवतार के माध्यम से एंट्री ले सकते है. एक दूसरे के साथ हैंडशेक करना, हग करना और ग्रीट करना आम बात है. ऐसे में मेटावर्स में छेड़छाड़ आने वाले वक़्त में बढ़ सकता है, क्योंकि अभी तक वहां इससे बचने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं हैं. मेटा ने बोला है कि इसका टेस्ट शुरू कर दिया गया है और इस फीडबैक के आधार पर कंपनी ब्लॉक टूल बनाएगी ताकि आगे से इस ऐसे लोगों को प्लैटफॉर्म से बैन कर सकते है . लेकिन जिस तरह से मेटा के प्लैटफॉर्म Facebook पर सेक्सुअल हैरेसमेंट होते रहे हैं और इस पर काबू नहीं पाया गया है. इसी तरह आने वाले वक़्त में मेटावर्स में भी इस तरह की घटनाएं बढ़ने लगी है. इसलिए कंपनियों को चाहिए की मेटावर्स में एंटर करने पहले सेक्सुअल हैरेसमेंट से बचने के लिए कोई ठोस उपाए करना होगा. क्योंकि मेटावर्स इंटरनेट का फ्यूचर बोला जा रहा है और अगर शुरुआत से लगाम न लगाई गई तो आगे ये प्लैटफॉर्म महिलाओं के लिए असुरक्षित हो सकता है. जानिए आखिर क्या है Metaverse? IIT खड़गपुर ने प्लेसमेंट ऑफर में ऐतिहासिक बेंचमार्क बनाया 1 जनवरी से बदलने जा रहे है Google के नियम, आज ही जान लें आप भी