अमृतसर: शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने अमृतसर में स्थित श्री दरबार साहिब (जिसे स्वर्ण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है) के परिसर में योग करने के लिए एक दलित महिला के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। यह कार्रवाई सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो के बाद की गई है, जिसमें इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर को 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर श्री दरबार साहिब परिसर में योग करते हुए दिखाया गया है। एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि इस तरह की हरकतें सचखंड श्री हरमंदिर साहिब में गुरु मति की पवित्रता का उल्लंघन करती हैं। उन्होंने दुख जताया कि इस स्थान के ऐतिहासिक महत्व और पवित्रता के बावजूद, कुछ लोग इन पहलुओं की अनदेखी करते हैं और अनुचित व्यवहार करते हैं। धामी ने खुलासा किया कि सिख समुदाय ने दलित महिला अर्चना मकवाना के आचरण से गहरा आहत महसूस किया, जिसके कारण उसके खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज की गई। उन्होंने कहा कि मकवाना ने पहले ही अपने कार्यों के लिए माफ़ी मांग ली है, और ऐसे व्यवहारों के खिलाफ़ आग्रह किया है जिसके लिए बाद में माफ़ी मांगने की ज़रूरत हो। हालाँकि, SGPC के इस कदमकी सोशल मीडिआ पर आलोचना हो रही है, लोग कई पोस्ट करके SGPC पर दोहरे मापदंड का आरोप लगा रहे हैं। दरअसल, ऐसे वीडियो सामने आ रहे हैं, जिसमे स्वर्ण मंदिर परिसर में नमाज़ पढ़तेलोग दिखाई दे रहे हैं, ऐसे में यूज़र्स पूछ रहे हैं कि, जब पूरे समूह को नमाज़ की अनुमति है, तो एक दलित महिला के योग करने पर आपत्ति क्यों ? घटना के बारे में प्रतिक्रिया देते हुए श्री दरबार साहिब के महाप्रबंधक भगवंत सिंह धंगेरा ने पुष्टि की कि सोशल मीडिया पर तस्वीरें सामने आने के बाद घटना की पुष्टि के लिए सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा की गई। फुटेज से पता चला कि मकवाना ने परिसर के भीतर लगभग 5 सेकंड की अवधि के लिए योग मुद्रा धारण की थी। परिणामस्वरूप, अपने कर्तव्यों की उपेक्षा करने के आरोप में तीन कर्मचारियों- गगनपाल सिंह, हरजिंदर सिंह और पलविंदर सिंह के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई है। दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है, जबकि एक पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है और उसे गुरुद्वारा गढ़ी साहिब गुरदास नंगल में स्थानांतरित कर दिया गया है। धनगेरा ने जोर देकर कहा कि महिला के आचरण ने सिख भावनाओं को बहुत ठेस पहुंचाई है, जिसके कारण एसजीपीसी ने उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। मकवाना ने तब से अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से तस्वीरें और वीडियो हटा दिए हैं। इस घटना ने विवाद को जन्म दिया है और धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनाए रखने और सामुदायिक भावनाओं का सम्मान करने के बारे में चिंताएं पैदा की हैं। केरल में भारी बारिश का रेड अलर्ट, जानिए उत्तर भारत में कहाँ तक पहुंचा मानसून कनिष्क बम विस्फोट: जब खालिस्तानी आतंकियों ने ली थी 268 कनाडाई लोगों की जान, आज उन्ही का गुणगान कर रहे जस्टिन ट्रुडो ! कल से शुरू होगा 18वीं लोकसभा का पहला सत्र, पीएम मोदी सहित सांसद लेंगे शपथ