श्रीनगर: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के IAS ऑफिसर शाह फैसल की एक बार फिर ब्यूरोक्रेसी में वापसी हो चुकी है। वो संस्कृति मंत्रालय में उप सचिव बनाए गए हैं। शाह फैसल ने 2019 में सियासत में एंट्री करने के लिए नौकरशाही से त्यागपत्र दे दिया था। लेकिन अगस्त 2020 में उनका राजनीति से भी मोहभंग हो गया था। 4 माह पहले केंद्र सरकार ने फैसल के इस्तीफा वापस लेने की अर्जी को स्वीकार कर लिया था और उन्हें सेवा में बहाल कर दिया था। 2010 में वह भारतीय सिविल सेवा परीक्षा में प्रथम स्थान हासिल करने वाले वो पहले कश्मीरी बने। ध्यान देने वाली बात ये है कि फैसल का इस्तीफा कभी मंजूर ही नहीं किया गया था। बाद में उन्होंने उसे वापस ले लिया। अप्रैल के माह में शाह फैसल ने ट्वीट करते हुए कहा था कि मेरे जीवन के 8 महीने (जनवरी 2019 से अगस्त 2019) ने इतना बैगेज बनाया कि मैं लगभग ख़त्म हो गया था। एक कल्पना का पीछा करते हुए मैंने करीब वह सब कुछ खो दिया जो मैंने कई वर्षों में कमाया था, जैसे- काम, मित्, प्रतिष्ठा, सार्वजनिक सद्भावना। मगर, मैंने कभी उम्मीद नहीं खोई। मेरे आदर्शवाद ने मुझे मायूस किया था। उन्होंने कहा है कि मुझे खुद पर यकीन था कि मैं अपने द्वारा की गई गलतियों को खत्म करूंगा। जीवन मुझे एक और अवसर देगा। मेरा एक हिस्सा उन 8 महीनों की याद से थक गया है और उस विरासत को मिटाना चाहता है। इसका काफी कुछ जा चुका है। मुझे विश्वास है कि वक़्त बाकी को मिटा देगा। पंजाब सरकार ने लागू की एक विधायक-एक पेंशन योजना, राघव चड्ढा बोले- इससे बचेगा सरकारी खजाना बिहार की महागठबंधन सरकार पर आया पूर्व डिप्टी CM का बयान, जानिए क्या कहा? 'दो दर्जन PM उम्मीदवारों की सूची का इंतज़ार है..', विपक्ष की राजनीति पर नकवी का तंज